Agra News: Shri Banke Bihari Satsang Samiti’s 20th Ekadashi Udyapan
Agra News: If we protect religion then religion will protect us: Devkinandan Thakur
आगरालीक्स…आगरा में बोले देवकीनंदन ठाकुर—हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा. श्रीमद्भागवत कथा में पांचवें दिन आचार्य देवकीनन्द ठाकुर ने कथा में प्रसंगों का किया वर्णन
पूज्य महाराज श्री देवकी नन्दन ठाकुर ने भक्तों को बताया कि यदि हम भगवान की सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करते हैं, तो भगवान स्वयं चलकर हमारे पास आते हैं। “धर्मो रक्षति रक्षिता”—यह सिद्धांत हमें सिखाता है कि यदि हम धर्म की रक्षा करते हैं, तो धर्म हमारी रक्षा करता है। धर्म के प्रति निष्ठा ही कल्याण का मार्ग है। यदि धर्म में आस्था और निष्ठा नहीं होगी, तो हमारा कल्याण संभव नहीं हो सकता। सनातनी लोग, जो अपनी महान परंपराओं और देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा रखते हैं, आज कहीं भी जाकर माथा टेकने लगे हैं, जो हमारी संस्कृति के लिए चिंताजनक है।
बाह के बजरंग आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में महाराज श्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का उल्लेख किया और कहा कि हमें अपने हिंदू भाइयों का साथ देना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया कि जो लोग हिंदुओं पर अत्याचार करते हैं, उनका हमें कड़ा विरोध करना होगा। हिंदू समाज तभी सुरक्षित रहेगा जब वह एकजुट रहेगा। हम अपनी संस्कृति और धर्म के प्रति समर्पित रहें और अपने समाज के कल्याण के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। आज की कथा के दौरान आचार्य देवकी नंदन ठाकुर ने व्याख्यान करते हुए कहा कि भगवान कहते है कि जिसका अपने धर्म में सच्ची निष्ठा है। उसका कल्याण होना निश्चित है। अपने गुरु मंत्र में निष्ठा है, उसका कल्याण निश्चित है। अपने धर्म और मंत्र में निष्ठा नही है तो उसका कल्याण नहीं हो सकता।
सनातनी लोग अपने वैदिक देवी देवताओं को छोड़कर कही भी जाकर माथा टेकते है। हमारे पास अपने चार वेद, छ शास्त्र, 18 पुराण, 66 नीतिया, 100 उपनिषद, रामचरित मानस, संतो के द्वारा बनाए ग्रंथ है। इतने बड़े ज्ञान खजाने के बाद भी पीर, फकीर और मजार को पूजते हो। तो ये निश्चित है तुम्हारा गुलाम होना भी जायजा था और आगे गुलाम होना भी जायज है। जिस समुदाय, जाति, धर्म के लोगों को अपनी संस्कृति, शास्त्र और अपने पूर्वजों पर गर्व ना हो। ऐसे लोग गुलाम रहने के योग्य है। आज जो भारत में हमारे लड़ रहे है उनके पूर्वज भी हिन्दू थे बांग्लादेश मे लड़ रहे है उनके भी पूर्वज भी हिन्दू ही थे। लेकिन उन्होंने प्राण बचाने के चक्कर में अपना धर्म बदल लिया और अब वह चाहते है दुनिया और भारत में लोग धर्म बदल ले । इस स्थिति में वह पहुंच गए है। कथा के माध्यम से जन प्रगति चाहता हूँ आप लोग अपने धर्म का जानो, पहचानो और उस धर्म की संस्कृति को अपने बच्चा तक पहुंचाओ।
आज कथा में श्री धर्मवीर प्रजापति जी (मंत्री कारागृह एवं होमगार्ड उत्तर प्रदेश), पूज्य श्री महाराज ददरौवा सरकार, श्री राम शक्ल गुर्जर जी (पूर्व मंत्री), श्री अशोक दीक्षित जी, श्री संजीव शुक्ला जी (DIG) आगरा, श्रीमती सीमा उपाध्याय जी (जिला पंचायत अध्यक्ष हाथरस), श्री संतोष कटारा जी (जिला महामंत्री), श्री सुधीर दुबे जी, श्री रमाकांत उपाध्याय जी, श्री सत्येंद्र बरुआ जी, श्री सोनू सेथिया जी, श्री मोनू भारद्वाज जी, श्री प्रदीप चौहान जी, श्री राजीव गोला जी, श्री सोहित गर्ग जी ने कथा में सम्मिलित होकर व्यास पीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण की एवं आरती में भाग लिया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से अरुण चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, दीपक शर्मा, कृपाशंकर दीक्षित, अनुपम मिश्रा, वीरेन्द्र चतुर्वेदी, हिमांशु, अमृतांश, ओम, सूर्यांश अवधेष, राजेश, नरेश, हरिओम, पंकज, पवन, राघव, सीमा पाध्याय, पंकज कटारा, राम सकल गुर्जर, अशोक दीक्षित, रूपाली, सुधीर दुबे, संजीव शुक्ला, रमाकांत उपाध्याय,सतेन्द्र सोनू, मोनू आदि उपस्थित थे।