Agra News: Information given about fetal monitoring in the workshop of AOGS…#agranews
आगरालीक्स…आजकल की महिलाएं कॅरियर की वजह से देर से गर्भ धारण करती हैं. खानपान में भी बदलाव आया है. यह गर्भधारण को जटिल बनाता है. विशेषज्ञों ने बताया कि ऐसे में कैसे कर सकते हैं प्रेगनेंसी में ज्यादा देखभाल
आगरा आब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी (एओजीएस) की कार्यशाला संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस में हुई। इसका विषय फीटल माॅनीटरिंग था। विशेषज्ञों ने अलग-अलग बिंदुओं पर विचार रखे और साथ ही महिलाओं में बढ़ती डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और पीसीओडी की समस्याएं गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं. अध्यक्ष डाॅ. आरती मनोज ने बताया कि प्रेग्नेंट होने के बाद शिशु की स्वास्थ्य स्थिति और किसी काॅम्पलीकेशन के बारे में जानने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, जिनमें से फीटल हार्ट माॅनीटरिंग भी है। वहीं कार्डियोटोकोग्राफी, एनएसटी टेस्ट किक चार्ट,के जरिए शिशु की सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है।

पहले सत्र में हैदराबाद से आईं डाॅ. शैलजा देवी ने फीटल माॅनीटरिंग का महत्व बताया। कहा कि सीटीजी आम तौर पर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में कराया जाता है। यह एक सामान्य टेस्ट है जिसमें कोई दर्द नहीं होता और न ही शरीर में अंदर कुछ डाला जाता है। यह जांच गर्भावस्था के दौरान शिशु की स्थिति जानने के लिए की जाती है। इस सत्र की अध्यक्षता डाॅ संध्या अग्रवाल, प्रो. सरोज सिंह और मथुरा कीं डाॅ. आरती गुप्ता ने की। हैदराबाद की हीं डाॅ. सुभाषिनी ने सीटीजी मशीन के उपयोग और शिशु की निगरानी पर प्रकाश डाला। कहा कि सीटीजी जांच को नाॅन स्ट्रेस टेस्ट एनएसटी भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपका शिशु अभी प्रसव के तनाव में नहीं होता और इस प्रक्रिया के दौरान कुछ नहीं होता जिससे शिशु पर तनाव पडे़। टेस्ट के दौरान डाॅक्टर शिशु की धड़कन को जांचेंगे। पहले जब शिशु गर्भ में आराम कर रहा है तब धड़कन देखी जाएगी और जब वह हिल डुल रहा हो तब धड़कन देखी जाएगी।
सचिव डाॅ. सविता त्यागी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इन्हें नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। वहीं पीसीओडी किशोरियों को चपेट में ले रहा है। आगे जाकर इससे गर्भधारण में समस्या आती है और गर्भधारण के बाद भी कई समस्याएं सामने आती हैं। अच्छे खान-पान से इन रोगों से बचा जा सकता है। दूसरे सत्र की अध्यक्षता डाॅ. मुकेश चंद्रा, डाॅ. मधु राजपाल और डाॅ. वर्तिका किशोर ने की। संचालन डाॅ. किया पाराशर और डाॅ. सोनल अग्रवाल ने किया।