Agra news: Invitation card in a new way to make weddings memorable, contract with the bride as a gift, Old Fashioned Bullua
आगरालीक्स… मैरिज सीजन में शादियों को यादगार बनाने के लिए कुछ नया करने की चाहत बढ़ी। इन्वीटेशन कार्ड, गिफ्ट कुछ भी हो सकता है। जानिये पुराने जमाने का बुल्उआ..।

हिन्दी के कार्डों का प्रारूप लगभग एक जैसा

आगरा की एक युवती की अलीगढ़ में होने वाली शादी में वर पक्ष द्वारा गुजराती भाषा में छपवाया गया शादी का निमंत्रण पत्र।
शादियों में अपनी धाक जमाने के लिए लोग नये-नये प्रयोग करते हैं। हालांकि भारतीय शादियों में शालीनता भी रहती है, सबसे ज्यादा प्रयोग इन्वीटेशन कार्ड और दावतों में ज्यादा किए जाते हैं। हालांकि शादी इन्वीटेशन कार्डों का चलन कुछ कम जरूर हुआ है लेकिन इसकी महत्वा बिलकुल कम नहीं हुई है।
श्री गणेश जी रहते हैं सबसे पहले विराजमान
श्रीगणेश जी को पहला निमंत्रण पत्र (शादी का इन्वीटेशन कार्ड) भेजकर ही अन्य लोगों को यह भेजा जाता है। वाट्सएप के जमाने में खास रिश्तेदारों के यहां जरूरी
डिजिटल युग में वाट्सएप पर कार्ड भेजकर और फोन भेजा जाना सामान्य हो गया है। लोग इस बात को अब अन्यथा में भी नहीं लेते हैं और कार्ड को व्यक्तिगत बुलावे की ही मान्यता देते हैं फिर भी परिवार, खानदान और खास-खास लोगों को अभी भी कार्ड देने लोग जाते हैं।
मुस्लिम उर्दू के साथ हिंदी-अंग्रेजी में भी छपवाते हैं कार्ड
कार्ड को छपवाने पर अब परंपरागत हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा का तो सामान्यतः प्रयोग होता ही है। मुस्लिम समाज के लोग अब हिंदी और अंग्रेजी में भी अलग-अलग कार्ड छपवाते हैं क्योंकि ऊर्दू जानने वालों की संख्या कम हुई है। हिंदी के इन्वीटेशन कार्ड का प्रारूप लगभग एक जैसा ही होता है।
गुजराती, मलायम, गुरुमुखी भाषा में भी निमंत्रण पत्र
शादियों में समाज के हिसाब से अपनी भाषा में भी शादी के इन्वीटेशन कार्ड छपवाए जा रहे हैं, जिसमें पंजाबी समाज में गुरुमुखी में और गुजराती समाज द्वारा गुजराती भाषा में कार्ड छपवाए जा रहे हैं, जो एक अच्छी प्रथा और नई परंपरा को जन्म दे रहे हैं, जो बोलियों और भाषा को जीवित रखने का अच्छा प्रयास है।
गिफ्ट के नाम पर दुल्हन से कॉन्ट्रेक्ट पेपर पर साइन
शादियों पर दूल्हे के दोस्त भी गिफ्ट देने में हथकंडे अपनाते हैं, जिसमें अभी हाल में केरल में दूल्हे के दोस्तों ने दुल्हन ने सात फेरों से पहले ही गिफ्ट के रूप में दिए कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन करवा लिया।
दोस्तों ने दुल्हन से यह कराया है कॉन्ट्रेक्ट
इसमें पत्नी की ओर लिखा है कि शादी के बाद भी मेरे पति को रात नौ बजे तक अपने दोस्तों के साथ समय बिताने की अनुमति होगी और मैं वादा करती हूं कि उस दौरान मैं उसे फोन कर परेशान नहीं करूंगी। मलयालम में लिखा गया यह ‘कॉन्ट्रैक्ट लेटर’ जमकर वायरल हो रहा है।
पुराने जमाने का याद है क्या आपको
पुराने जमाने में जब शादी के निमंत्रण पत्रों का चलन नहीं था, तब शादी की हर रस्म के लिए घर-घर बुल्उआ लगवाया जाता था। इस कार्य का जिम्मा परिवार में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले नाई को दिया जाता था, यहां तक की वह रिश्ते तय कराने में भी प्रमुख भूमिका निभाने के साथ रस्म में क्या-क्या होना है, वह यह भी तय करते थे। इनके घर की महिला सदस्य शादी की रस्म् के हर दिन लोगों को घरों पर आवाज देकर देकर बुलावा देती थीं। बुलावे के साथ लड्डू दिए जाते थे। साथ ही कोई व्यक्ति शादी वाले घर के बारे में कम जानता था तो उसे पूरी जानकारी दी जाती थी।
बारात और दावत आदि के लिए परिवार के मुखिया या किसी बड़े सदस्य को एक दिन बुलावे के लिए जाना होता था और शादी की जानकारी देनी होती थी। शहरों में अब यह परंपरा लगभग बंद सी हो गई है।