Agra News: Kansa Duhai procession taken out in Shri Krishna Leela centenary year festival…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में अट्टाहास करता हुआ निकला ‘कंस’. आसुरी शक्तियों की दी दुआई. श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव में आसुरी सेना और राक्षसों संग नगर भ्रमण को निकला कंस, किया शक्ति प्रदर्शन
लाल− लाल क्रोधित नेत्र, अहंकार से परिपूर्ण मस्तक का बल और द्वेष युक्त चरित्र हंसी की गूंज को विकृत अट्टास में परिवर्तित करता हुआ….शक्ति और सत्ता के मद में चूर जब कंस आसुरी शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए नगर भ्रमण को निकला तो कर कोई आतंकित सा हो उठा। बुधवार को श्रीकृष्ण लीला समिति द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव 2024 के अन्तर्गत कंस की दुहाई की सवारियां निकाली गईं। वाटरवर्क्स स्थित श्रीकृष्ण गौशाला प्रांगण से कंस की दुहाई एवं अन्य सवारियों को उप्र लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग (दर्जा राज्य मंत्री), नेशनल चैंबर के कोषाध्यक्ष नीतेश अग्रवाल, योगेंद्र सिंघल, महेंद्र सिंघल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
राकेश गर्ग ने इस अवसर पर कहा कि ब्रजधाम का प्रमुख उत्सव है श्रीकृष्ण लीला महोत्सव। ये गौरव की बात है कि ये आयोजन 100 वर्ष पूर्ण कर चुका है। हर वर्ष के साथ लीला मंचन का उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस तरह के आयोजनों से सनातन धर्म का महत्व युवा पीढ़ी के सामने परंपरानुसार रखा जाता है। लीला स्थल से निकल कंस ने अपने सेनापतियों और असुरों के साथ नगरभर में भ्रमण किया। कंस ने अपने पिता राजा उग्रसेन सहित ऋषि मुनियों को जो प्रताड़ना दी थी उसकी भी झांकी सवारियों में शामिल की गयी। सवारी के एक रथ पर विराजमान कंस के स्वरूप के हाथ में तलवार थी और लाल-लाल आंखें हर किसी को भयभीत कर रही थीं। एक सवारी में तोप रखी थी, जिसके गोलों से धमाके किया जा रहे थे, ताकि लोगों में दहशत फैलती रहे। अन्य सवारियों में कंस के मंत्री, संत्री सिपाही काले परिधान पहने हुए बैठे थे। पुतना, कंस की जेल सहित उंट और घोड़े भी सवारी में शामिल थी।
कंस की दुहाई प्रतीक है अत्याचारों का, अधर्म की पराकाष्ठा का, इसके बाद ही भगवान अवतार लेकर धर्म की स्थापना करेंगे। महामंत्री विजय रोहतगी ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्म से एक दिन पहले कंस की दुहाई निकाली जाती है। कंस द्वारा महाराजा उग्रसेन को बंदी बना कर कारागार में डाल कर अपने को राजा घोषित कर दिया गया था। इसके बाद कंस अन्य देशों पर विजय पताका फहराने के लिए मंत्रियों के साथ दुहाई पर निकले थे। राज्य में भी लोग भयभीत रहे, इसके लिए भी उनके द्वारा प्रयास किए गए। इसी भावाना को प्रदर्शित करने वाली झांकियां इस यात्रा में शामिल थीं। कंस की दुहाई की सवारियां बैंड बाजों के साथ बेलनगंज, कचहरी घाट, छत्ता बाजार, दरेसी नं.2, रावतपाड़ा, सुभाष बाजार, जौहरी बाजार, कसेरट बाजार, किनारी बाजार, सेव का बाजार, फुलट्टी, छिलीईंट घटिया, सिटी स्टेशन रोड, धूलियागंज, पथवारी, बेलनगंज तिकोनिया होती हुई गौशाला वापस आईं। इस अवसर पर संजीव गुप्ता, अंबा प्रसाद गर्ग, लीला संयोजक शेखर गोयल, विष्णु अग्रवाल (राधे राधे), गिर्राज बंसल, ब्रजेश अग्रवाल, अशोक गोयल, केके अग्रवाल, आशु रोहतगी, अपूर्व, विनीत , मनोज बंसल आदि उपस्थित रहे।
गुरुवार को होगा मंचीय लीला का शुभारंभ
श्रीकृष्ण लीला समिति के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को सायं 6:30 बजे गौशाला परिसर में मंचीय लीला का शुभारंभ श्रीकृष्ण जन्म के साथ होगा।