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आगरालीक्स…शहीदों के सरताज सिक्खों के पांचवें गुरु गुरु अर्जुन देव जी का शहादव गुरु पर्व 10 जून को. कीर्तन संगत होगी…छबील भी लगेगी
श्री गुरु अर्जुन देव जी, गुरु राम दास जी एवम् माता भानी के छोटे पुत्र थे। आप को शहीदों के सरताज भी कहा जाता है। आप शांति के पुंज ,मानवता के सच्चे सेवक,धर्म के रक्षक ,शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी थे। श्री गुरु अर्जुन देव जी सिक्ख धर्म के पहले शहीद थे। उनका शहीदी गुरुपर्व 10 जून को आगरा ही नहीं संपूर्ण देश में श्रद्धा पूर्ण वातावरण में मनाया जाएगा। इस कड़ी में केंद्रीय तौर पर केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माई थान के तत्वधान में प्रातः 7.00 से 2.30 बजे तक मनाया जाएगा।
प्रधान कंवल दीप सिंह ने बताया कि इस दीवान में विशेष रूप से *भाई मनोहर सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली अपनी हाजरी लगाएंगे।इसके अतिरिक्त भाई मनजिंदर सिंह मौजी ढाढी जत्था लखीमपुर, वीर महिंदर पाल सिंह सुखमनी सेवा सभा आगरा,भाई जसपाल सिंह अखंड कीर्तनी जत्था,ज्ञानी कुलविंदर सिंह हैड ग्रंथी गुरुद्वारा माईथान,ज्ञानी ओंकार सिंह प्रचारक गुरुद्वारा माईथान,भाई बिरजेंद्र सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा माई थान अपने कीर्तन एवम् कथा से संगत को निहाल करेंगे। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह बताया कि इस अवसर दोपहिया एवम् चार पहिया वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था वी पी ऑयल मिल पर हमेशा की तरह होगी।
इस अवसर पर मीठे जल की छबील लगाई जाएगी जिसकी शुरुआत तीसरे गुरु अमरदास जी के समय हुई जब दूर दूर संगत उनके दर्शन के लिए पहुंचती थी तब गुड़ की छबील की शुरुआत हुई जिससे उनको कोई राहत मिल सके।बाद में गुरु रामदास जी ने दरबार साहिब में के चारो कोनो में मीठे जल की छबील स्थापित की जो आज भी है।उसके बाद गुरु अर्जुन देव जी जिनकी शहादत ज्येष्ठ के महीने में हुई और जिस प्रकार उन्होंने अपनी शहादत को गुरु का आदेश मानकर बड़ी शांति से कबूल की ।उस वक्त बहुत दूर दूर संगत लाहौर की ओर उमड़ी तब जगह जगह मीठे जल की छबील लगाई गई जो आज तब से परम्परा बन गई और तभी से इस गुरुपर्व पर मीठे जल की छबील लगाई जाती है।
समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु जी ने अपनी शहादत 30 मई 1606 में दी थी। उल्लेखित है कि गुरु जी मुगल बादशाह जहांगीर के आदेश पर चंदू दीवान ने 3 दिन तक प्रताड़ित किया पहले खोलते देग पर बैठाया गया फिर गर्म तवे पर बैठा कर ऊपर रेत डाली गई। गुरु जी इसे परमात्मा की रजा मानकर सारे कष्ट चुप चाप सहन करते रहे और तेरा कीया मीठा लागे, हरि नाम पदार्थ नानक मांगे का गायन करते रहे। बाद में रावी नदी में स्नान करने गए फिर उसे में समा गए।
इस अवसर पर पोस्टर का भी विमोचन किया गया। शाम को कीर्तन दरबार गुरुद्वारा कलगी धर सदर बाजार में 7 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक मनाया जाएगा। प्रेस वार्ता में पाली सेठी,रविंद्र सिंह ओबराय ,दलजीत सिंह, बबलू अर्शी,राना रंजीत सिंह,रछपाल सिंह,हरपाल सिंह, सतवेंदर सिंह,गुरप्रीत सिंह,हरजी, बादल सिंह,अमरिंदर सिंह,अजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।