आगरालीक्स…एक भी मच्छर अब कॉईल से नहीं डरता. आगरा की पॉश कॉलोनी हो या फिर मोहल्ले सर्दी की चैनभरी नींद में खलल डाल रहे मच्छर. क्या आप भी हैं मच्छरों से परेशान
आगरा का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. नवंबर माह को बीतने में एक सप्ताह शेष रह गया है लेकिन मच्छरों का प्रकोपा है कि वो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दावा किया जाता है कि 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे तापमान पहुंचने पर मच्छरों का लार्वा निष्क्रिय हो जाता है लेकिन इसे पर्यावरण का परिवर्तन कहें या फिर कुछ और आगरा में मच्छरों का प्रकोप कम होता फिलहाल नहीं दिखाई दे रहा है. सर्दी की चैनभरी नींद में मच्छरों का खलल बना हुआ है. लोगों ने इससे छुटकारा पाने के लिए मच्छर भगाने वाले कॉइल या लिक्विड भी लगा रखे हैं लेकिन मच्छर हैं कि कान पर आकर अपना संगीत फिर भी सुना रहे हैं, कंडीशन ऐसी है कि शायद मच्छरों ने अब कॉइल और लिक्विड को सहने की शक्ति हासिल कर ली हो.
पंखे चलाकर सो रहे लोग
मच्छरों के प्रकोप से बचाने में कॉइल और लिक्विड भी निष्क्रिय साबित हो रहे हैं, ऐसे में लोगों को पंखा चलाकर सोना पड़ रहा है और वो भी तेज स्पीड में. क्योंकि कम स्पीड में मच्छरों पर कोई असर नहीं पड़ता है. आगरा की पॉश कॉलोनी हो या फिर मोहल्ले, मच्छरों का आतंक हर जगह है. यही कारण है कि सर्दी में भी लोग बुखार से पीड़ित हो रहे हैं. आगरा में डेंगू के केस भी मिल चुके हैं.
चिकित्सकों की मानें तो मच्छरों के बढ़ने का कारण गंदगी है. घर के आसपास सफाई रखने और पानी जमा न होने देने से इससे काफी हद तक राहत मिल सकती है. नालियां गंदी होने पर उसमें मिट्टी का तेल या कीटनाशक छोड़ दें. इसके अलावा घरों के अंदर तापमान अपेक्षाकृत अधिक होता है ऐसे में मच्छर घरों में प्रवेश कर जाते हैं.