आगरालीक्स..आगरा में महापौर का पद बुलंदियों पर पहुंचाता तो है तो चुनौतियां भी कम नहीं। साफ-सफाई, कूड़े के ढेर जैसी समस्याएं जस-की तस हैं।
ताजनगरी साफ-सफाई में सबसे बदहाल
आगरा ताजमहल की वजह से विश्व पटल पर अपना विशेष स्थान रखता है लेकिन शहर को साफ-सफाई और सुविधाओं के मामले में वह दर्जा हासिल अभी तक हासिल नहीं है, जो उसे सबसे पहले प्राप्त करना चाहिए था।
पुराने ढर्रे से ही होती है साफ-सफाई
हालात यह है कि नगर निगम में कूड़ा ढोने-उठाने, नाले-नालियां साफ करने की दशकों पुरानी स्थिति में जरा भी सुधार नहीं आया है। हालांकि साफ-सफाई के मामले में आगरा नगर निगम को नंबर मिलते रहे हैं लेकिन उनका आधार क्या होता है यह आम आदमी आज भी नहीं समझ सका है, जबकि इंदौर की साफ-सफाई आज भी पूरे देश में मिसाल बनी है।
सुबह से गुजरते रहते हैं गंदगी से लदे ट्रक
आगरा में सुबह से लेकर दोपहर तक नगर निगम की गाड़ियां शहर के घने बाजारों से ही नहीं बल्कि एमजी रोड से भी कूड़े के ढेर लेकर निकलती हुई दिखाई देती हैं। कई स्थानों पर इनसे गंदगी टपकती है तो कभी गंदा पानी।
कीचड़ सड़कों पर फिर सूखने का इंतजार
नाले-नाली की सफाई का पुराना ढर्रा काम कर रहा है। कीचड़ निकाल कर घर और दुकानों के सामने जमा कर दी जाती है। दो-तीन दिन तक कीचड़ को वहीं सूखने के लिए वहीं पड़ा रहने दिया जाता है। इस दौरान उसके ऊपर से वाहन गुजर गए तो यह कीचड़ सड़को पर काफी दूर तक फैल जाती है।
नजारा आज भी देखा जा सकता है
अभी हाल ही में घटिया आजम खां से सिटी स्टेशन रोड के नालों की सफाई के दौरान भी यही हाल चल रहा है। ग्रीन आगरा, क्लीन आगरा या नवीन आगरा तो कहीं से नजर नहीं आता है।
ट्रिपल इंजन की सरकार का भी फायदा नहीं
आगरा के आम जन के साथ कुछ प्रबुद्ध लोग भी कहते हैं कि आगरा नगर निगम बनने के बाद से भाजपा ही महापौर की सीट पर काबिज है लेकिन डबल इंजन क्या ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बाद भी आगरा वह रुतबा नहीं दिला सकी है, जिसके लिए आगरा जाना जाता है। अपना गुणगान करने की जगह महापौर को पूरी प्लानिंग के साथ योजनाओ को अंजाम देना होगा। साफ-सफाई और गंदगी तो इस योजना को शुरू करने का एक छोटा सा हिस्सा है। हर चुनौती का एक-एक कर सामना करना होगा।