Agra News : NGT Issued notice to Ministry of Transports & others for Star Rating of Cars on plea of TSUNAMI ON ROADS#Agra
आगरालीक्स….Agra News : आगरा के डॉक्टर की याचिका, एसी, फ्रिज की तरह कार पर भी हो एक से लेकर पांच स्टार रेटिंग, जिससे वायु प्रदूषण पर लगे रोक, एनजीटी ने तीन मंत्रालय को नोटिस दिया। 10 जनवरी 2025 को होगी अगली सुनवाई। (Agra News : NGT Issue notice to Ministry of Transports & others for Star Rating of Cars on plea of TSUNAMI ON ROADS)
आगरा के बाल रोग विशेषज्ञ और पर्यावरणविद डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ सहित देश भर के डॉक्टर और समाजसेवी संगठनों द्वारा TSUNAMI ON ROADS एनजीओ संचालित की जा रही है। एनजीओ द्वारा अमेरिका, आस्ट्रेलिया के साथ ही सिंगापुर, वियतनाम, थाईलैंड में कार ईंधन दक्षता और उससे उत्सर्जित होने वाले प्रदूषक तत्वों के आधार पर कार की स्टार रेटिंग है। घर के अंदर एसी और रेफ्रिजरेटर के इस्तेमाल के लिए स्टार रेटिंग है, जिससे प्रभाव सीमित लोगों तक होता है ऐसे में कार जिसके प्रदूषण का व्यापक असर दिखाई देने लगा है उसके लिए स्टार रेटिंग क्यों नहीं है। जबकि भारत में 2009 में वाहनों की स्टार रेटिंग के लिए प्रस्ताव तैयार करने की शुरूआत हुई, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और ब्यूरो आफ एनर्जी एफिशियेंसी बीईई द्वारा ड्राफ्ट तैयार किया गया।
मसौदा हो चुका है जारी
सात जनवरी 2016 को सड़क परिवहन मंत्रालय ने स्टार रेटिंग के लिए मसौदा जारी किया, इसके अनुसार 1 अप्रैल 2016 के बाद निर्मित 3,500 किलोग्राम से अधिक वजन वाली यात्री कारों में एक से पांच स्टार तक फ्यूल इकोनामी स्टार रेटिंग (एफईएसआर) लेबल होना चाहिए। इस मसौदे में स्टार रेटिंग की पद्धति को भी परिभाषित किया गया और यहां तक कि लेबल और लोगो भी बताया गया। इसी तरह से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने 23 अप्रैल 2015 का गजट नोटिफिकेशन ड्राफ्ट तैयार किया। मगर, इसे लागू नहीं किया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि परिवहन क्षेत्र पीएम 2.5 (41प्रतिशत) के उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत है और लैंसेट में अध्ययन के अनुसार, हर साल वायु प्रदूषण से 11 लाख मौतें होती हैं। भारत में पीएम 2.5 का प्रमुख कारण वाहन का प्रदूषण है। एनजीटी कोर्ट के चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने परिवहन मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।