Agra News: Order to file case against Agra College Principal Dr. Anurag Shukla…#agranews
आगरालीक्स….आगरा कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. अनुराग शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज के आदेश. आरोप फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र एवं फर्जी शैक्षिक अनुभव दस्तावेज लगाकर धोखे से किया पद ग्रहण…
धोखाधड़ी एवं अन्य धारा कें तहत सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने आगरा कालेज कें प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला कें विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना कें आदेश थानाध्यक्ष लोहामंडी को पारित किए हैं. प्रार्थी सुभाष ढल नें अपने वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कांत शर्मा (केके शर्मा) हरिकांत शर्मा एवं विजय कांत शर्मा के माध्यम से आगरा कालेज प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला कें विरुद्ध 156(3)दप्रस कें तहत सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि आगरा कालेज प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला द्वारा आयोग को फर्जी शेक्षिक प्रमाणपत्र एवं फर्जी शेक्षिक अनुभव कें दस्तावेज प्रस्तुत कर भृमित कर आगरा कालेज प्राचार्य का पद ग्रहण किया गया ,जिसकें लियें वह योग्य उम्मीदवार नहीं थे.
उत्तर प्रदेश शासन को उनके पद के बाबत की गई शिकायत की जांच के बाद 10 फरवरी 24 को शासन द्वारा आगरा कालेज प्रबंध समिति को अवगत कराया गया था कि, आगरा कालेज प्राचार्य द्वारा उक्त पद पाने हेतु कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग किया गया. सुभाष ढल ने आरोप लगाया कि, प्राचार्य द्वारा अपने कार्यकाल कें दौरान करोड़ो रुपयों की वित्तीय अनियमितता की गई, और अब तक अपने आपको अनुचित लाभ पहुंचाने कें उधेश्य से आपराधिक षड्यन्त्र के तहत एक सुनियोजित साजिश कें तहत कूटरचित दस्तावेजों कें आधार पर सरकारी धन का लाभ लिया, जिसकें वह पात्र नहीं थे.
सुभाष ढल ने अपने प्रार्थना पत्र कें समर्थन में पुलिस कमिश्नर को प्रेषित प्रार्थना पत्र की प्रति कें साथ साथ अन्य प्रपत्रों की छाया प्रति भी दाखिल की गई थीं जिस पर सीजेएम नें 18 जुलाई 24 को भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय कें रजिस्ट्रार को निर्देशित किया था कि वह आवेदक के प्रार्थना पत्र में उल्लिखित आरोपों की सत्यता को परखनें के लिए आवेदक, विपक्षी एवं अन्य के साक्ष्य लेकर विस्तृत जांच आख्या एवं जांच कें दौरान की गई संम्पूर्ण कार्यवाही से अदालत को अवगत करायें, उक्त सम्बन्ध में रजिस्ट्रार की जांच आख्या कें अवलोकन उपरांत सीजेएम नें पाया कि, जांच आख्या में यह स्पस्ट नहीँ किया गया है कि विपक्षी पर जो आरोप लगाया गया हैं कि उनकें प्रमाण पत्र फर्जी हैं अथवा नहीँ उसकें सम्बन्ध में कोई निष्कर्ष नहीँ दिया गया है,
यह मत प्रकट किया गया है कि, कुलसचिव उसकी जांच नहीं कर सकतें, सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने माना कि ऐसी स्थिति में प्रकरण में विधि अनुसार विवेचना कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है. सीजेएम ने सुभाष ढल कें प्रार्थना पत्र पर उनकें अधिवक्ताओं कृष्ण कांत शर्मा, हरिकांत शर्मा एवं विजय कांत शर्मा के तर्क पर थानाध्यक्ष लोहामंडी को आदेशित किया कि वह प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों कें आधार पर प्रकरण में अभियोग दर्ज कर नियमानुसार विवेचना की कार्यवाही सुनिश्चित करें.