आगरालीक्स…आगरा के निजी स्कूल बढ़ा सकेंगे फीस. यूपी सरकार ने सत्र 2022—23 की नियमानुसार फीस बढ़ाने को दी हरी झंडी, लेकिन ये शर्तें भी रखीं….
प्रदेश की योगी सरकार ने अभिभावकों को झटका देते हुए स्कूल प्रबंधन को खुश होने का मौका दिया है. कोविड संक्रमण के कारण पिछले दो साल से निजी स्कूलों की रोकी गई फीस बढ़ोतरी को शासन ने फिर से बहाल कर दिया है. अब प्रदेश में संचालित सभी शिक्षा बोर्डों से जुड़े निजी स्कूल सत्र 2022—23 की नियमानुसार फीस बढ़ा सकते हैं. हालांकि इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी तय की हैं जिसमें फीस में संतुलित वृद्धि ही करने के आदेश हैं.
ये हैं आदेश
अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि शुल्क वृद्धि वर्ष 2019—20 की शुल्क संरचना को आधार वर्ष मानते हुए उप्र स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 की धारा 4 (1) के अंतर्गत नियमानुसार की जा सकती है.
पांच प्रतिशत ही बढ़ा सकते हैं फीस
जारी आदेशों में दी गई शर्तों में कहा गया है कि इस साल स्कूल केवल 5 प्रतिशत ही शुल्क वृद्धि कर सकते हैं. शर्तों में कहा गया है कि वर्ष 2019—20 में जो वार्षिक शुल्क लिया गया था उसमें ही पांच प्रतिशत वृद्धि की जा सकती है. बीच के दो वर्ष यानी 2020—21 और 2021—22 के शुल्क वृद्धि की काल्पनिक गणना कतई न की जाए ओर न उसे उक्त फार्मूले में जोड़ा जाए. मंडीलय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं.
अभिभावक बोले—यहां तो पहले से ही बढ़ गई फीस
इधर आगरा के अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चों के स्कूल में तो पहले से ही फीस बढ़ा दी गई है. सरकार ने भले ही पांच प्रतिशत फीस बढ़ोतरी के आदेश दिए हों लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही स्कूल संचालकों ने 10 से 20 प्रतिशत तक की फीस बढ़ोतरी कर दी है.
कर सकते हैं आपत्ति
शासनादेश के अनुसार यदि कोई छात्र या अभिभावक या फिर अध्यापक एसोसिएशन सत्र 2022—23 के लिए वसूले जाने वाले शुल्क से संतुष्ट नहीं है तो वह अधिनियम 2018 की धारा 8 के तहत जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष अपनी शिकायत कर सकते हैं.