आगरालीक्स…आगरा में शिक्षकों, प्रधानाचर्यों और कर्मचारियों के हितों की मांग को लेकर दिया धरना उचित वेतन और सुविधाएं देने सहित 14 मांगों का ज्ञापन सौंपा
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद आगरा द्वारा प्रस्तुत 14 सूत्रीय मांग-पत्र में शिक्षकों,प्रधानाचार्यों और कर्मचारियों के हितों के लिए व्यापक सुधारों की मांग की गई है।इन मांगों का उद्देश्य माध्यमिक विद्यालयों की गुणवत्ता सुधारना,वित्तीय प्रबंधन को सुगम बनाना,और शिक्षकों व कर्मचारियों को उचित वेतन और सुविधाएं प्रदान करना है।
मांग-पत्र का मुख्य उद्देश्य:
- तदर्थ प्रधानाचार्यों की सेवा नियमितीकरण: 1993 के बाद से तदर्थ रूप से कार्यरत प्रधानाचार्यों को नियमित किया जाए।
- फीस पुनर्निर्धारण: महंगाई के अनुरूप विद्यालय शुल्कों का पुनर्निर्धारण किया जाए।
- स्ववित्त पोषित विद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल करना: कर्मचारियों को वित्तपोषित विद्यालयों के समान वेतन व मानदेय की व्यवस्था।
- निःशुल्क शिक्षा के कारण हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति: कक्षा 1-8 के छात्रों के सम्पूर्ण विकास के लिए शुल्क क्षतिपूर्ति।
- पंजीकरण शुल्क का बंटवारा: 50% पंजीकरण शुल्क विद्यालयों को दिया जाए।
- वेतनमान में सुधार: प्रधानाचार्यों को अन्य संवर्गों की तरह उच्च वेतनमान दिया जाए।
- चिकित्सा सुविधाएं: प्रदेश के शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को चिकित्सा भत्ता और सेवानिवृत्त शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा।
- विद्यालय विकास निधि में सुधार: आकस्मिक खर्चों के लिए अलग निधि का प्रावधान।
- निःशुल्क विद्युत: विद्यालयों को मुफ्त या रियायती दर पर बिजली।
- परीक्षा पारिश्रमिक में वृद्धि: महंगाई के अनुरूप परीक्षाओं के संचालन व मूल्यांकन की दरों का पुनरीक्षण।
- समान सुविधाएं: वित्तविहीन विद्यालयों को भी बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की तरह सुविधाएं दी जाएं।
- शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार: प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, भवन आदि के लिए अनुदान।
- प्रशिक्षण: प्रधानाचार्यों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
- पुरानी पेंशन योजना लागू करना: 2005 से नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।अध्यक्षता करते हुए नरेंद्र लवानिया ने कहा:”शिक्षा व्यवस्था के उत्थान और प्रधानाचार्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमारा यह आंदोलन आवश्यक है। हमारी मांगें न केवल शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में हैं, बल्कि विद्यार्थियों और विद्यालयों की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने का माध्यम भी हैं। सरकार को इन मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
“संचालन करते हुए महामंत्री डॉ. मोहम्मद जमीर ने कहा: हमारा संघर्ष शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए है। वित्तीय अनियमितताओं को समाप्त करना, विद्यालयों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करना, और शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अधिकार सुनिश्चित करना समय की आवश्यकता है। हमारी यह एकता हमारी ताकत है, और हम अपनी मांगों को पूरा करवा कर ही रुकेंगे।”
धरने की अध्यक्षता नरेंद्र लवानिया संचालन डॉ मोहम्मद जमीर ने किया धन्यवाद प्रमुख रूप से संरक्षक प्रधानाचार्य परिषद मुकेश शर्मा,प्रदेश मंत्री अनिल वशिष्ठ,अजय शर्मा,अतुल जैन,नरेंद्र देवू,ममता शर्मा,पायल जैन,जी.एल जैन,डॉ चतुर सिंह,डॉ शालिनी बंसल,डॉ पीयूष शर्मा,अंजलि नाखरा,नीलम यादव,मधुवन यादव,डॉ मुकेश शर्मा,संजय सोलंकी, सोनवीर सिंह दर्जनों प्रधानाचार्य ने प्रतिभाग किया।