आगरालीक्स …आगरा में मोटी ब्याज लेकर उधार देने वाले साहूकारों पर शिकंजा कस दिया है। ब्योरा जुटाया जा रहा है, साथ ही साहूकारी के लाइसेंस पर रोक, जानें इस कानून के बारे में और आगरा में कितने साहूकार हैं।
1976 में साहूकारी कानून बना था, यह कानून ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक और वित्तीय संस्थान न होने पर ऋण देने के लिए था, इसके तहत जिन लोगों पर पैसा है वे साहूकारी कानून के तहत 10 रुपये का शुल्क जमा कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। तहसील स्तर पर जांच होती है, रजिस्ट्रेशन होने के बाद साहूकार ऋण दे सकते हैं और उस पर ब्याज वसूल सकते हैं लेकिन इस कानून के बनने के बाद लीगल तरीके से साहूकारों ने वसूली का खेल शुरू कर दिया। मोटी ब्याज वसूलने लगे।
जिले में 67 साहूकारी के लाइसेंस
साहूकारी के लाइसेंस 1976 के बाद से जारी किए जा रहे हैं। जिले में 67 साहूकारी के लाइसेंस हैं, ये लोग ऋण दे सकते हैं। इसकी आड़ में तमाम लोग बिना लाइसेंस के भी ब्याज पर पैसे उधार दे रहे हैं और मोटी ब्याज वसूल रहे हैं।
नए लाइसेंस जारी करने पर रोक, खत्म हो सकता है कानून
एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह का मीडिया से कहना है कि साहूकारी के नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है। रजिस्टर्ड साहूकारों द्वारा दिए गए ऋण का ब्योरा जुटाया जा रहा है। साहूकारी कानून भी प्रदेश में समाप्त हो सकता है, इसकी भी कवायद चल रही है।