Agra News: Special arrangements are being made for elephants and bears to protect them from the 42 degree Celsius heat in Agra
आगरालीक्स…आगरा में 42 डिग्री सेल्सियस गर्मी से बचाने के लिए हाथियों और भालुओं के लिए ये किए जा रहे विशेष इंतजाम
जैसे की पूरे उत्तर भारत में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, वाइल्डलाइफ एसओएस के रेस्क्यू सेंटर्स में निवासी हाथियों और स्लॉथ भालुओं को गर्मी से निजात दिलाने के लिए संस्था सक्रिय कदम उठा रही है। बाड़ों में पानी के स्प्रिंकलर (फुव्वारे) लगाने से लेकर मथुरा स्थित हाथी अस्पताल परिसर, हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, आगरा भालू संरक्षण केंद्र, बैंगलोर में मौजूद बन्नेरघट्टा भालू बचाव सुविधा के साथ मध्य प्रदेश स्थित वन विहार भालू बचाव सुविधा में विशेष इंतज़ाम किये गए हैं।
बढ़ते तापमान के साथ, भारत भर में मौजूद वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपने विभिन्न रेस्क्यू सेंटर्स में निवासी हाथी और स्लॉथ भालुओं के लिए व्यापक ग्रीष्मकालीन प्रबंधन योजनाएं तैयार की हैं। हाथी अस्पताल परिसर, हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, में, ठंडे वातावरण को बनाए रखने के लिए बाड़ों में स्प्रिंकलर लगे हुए हैं। हाथी देखभाल स्टाफ नियमित रूप से जमीन की जुताई करते हैं और उसे गीला करते हैं, जिससे हाथी को ठंडी मिट्टी अपने ऊपर डालने और उससे नहाने का मौका मिलता रहे, जिसके ज़रिये वह अपनी नाज़ुक त्वचा को धूप से बचाते है। हाथियों को हाइड्रेटेड रखने के लिए उनके आहार में तरबूज, पपीता, खीरा और लौकी जैसे पानी से भरपूर फलों के साथ-साथ चरी जैसे ताजे हरे चारे को भी शामिल किया जाता है।
आगरा भालू संरक्षण केंद्र और वन विहार भालू बचाव सुविधा में, राहत प्रदान करने के लिए प्रत्येक भालू के कमरे में एयर कूलर लगा हुआ है, जबकि जमीन को ठंडा करने और बाड़ों को अंदर से आरामदायक बनाने के लिए नियमित अंतराल पर स्प्रिंकलर (फुव्वारे) चलते हैं। इसके अतिरिक्त, भालुओं को ठंडक प्रदान के लिए पानी के तालाब भी मौजूद हैं, वृद्ध भालूओं के बाड़ों को विशेष रूप से छाया भी प्रदान की जाती है।
बैंगलोर स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के बन्नेरघट्टा भालू बचाव सुविधा में मध्यम तापमान के साथ भी, निवासी स्लॉथ भालू की भलाई सुनिश्चित करने के लिए संस्था एहतियाती उपाय लागू कर रही है। भालुओं को हाइड्रेटेड रखने के लिए तरबूज, खरबूजा जैसे पानी से भरपूर फल उपलब्ध कराए जाते हैं। वाइल्डलाइफ एसओएस केंद्रों में भालू शहद युक्त दूध में जमे हुए मौसमी फलों से बने आइस पॉपसीकल्स (बर्फ के गोले) के रूप में विशेष ग्रीष्मकालीन व्यंजनों का भी आनंद लेते हैं, जो उन्हें पूरे दिन ठंडा रखता है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “इन ग्रीष्मकालीन प्रबंधन उपायों के साथ हमारा प्राथमिक उद्देश्य हमारी देखभाल में रह रहे हाथियों और भालूओं को लाभ पहुंचाना है। हमने उनके आराम और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त छाया, पानी और आहार प्रदान किया है।”
वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “हमारे पशुचिकित्सक और देखभाल करने वाली टीम बचाए गए जानवरों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करती हैं। जब देश बढ़ते तापमान से जूझ रहा है, तो इन परिस्थितियों में उन्हें फलते-फूलते देखना खुशी की बात है।”