आगरालीक्स …Agra News : आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का पहला आईसीयू बना, जिसमें रजिस्टेंट टीबी के मरीजों का इलाज किया जाएगा। ( Agra News : UP First ICU for MDR TB in SNMC, Agra#Agra)
एसएन मेडिकल कॉलेज के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में शुक्रवार को महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, उत्तर प्रदेश किंजल सिंह (आईएएस) ने यूपी की पहली समर्पित ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस रेस्पिरेटरी इंटेंसिव केयर यूनिट(आईसीयू) का उद्घाटन किया।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष, स्टेट टास्क फ़ोर्स फॉर टीबी एलीमिनेशन, उत्तर प्रदेश के चेयरमैन डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस के गंभीर रोगियों के लिए प्रदेश में किसी भी मेडिकल कॉलेज में अभी तक कोई भी आईसीयू नहीं था। एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा में स्थापित डीआर टीबी वार्ड अब तक आठ हज़ार से ज़्यादा ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस रोगियों का उपचार कर चुका है। इस आईसीयू के माध्यम से ऐसे रोगियों के उपचार में नई दिशा मिलेगी।
टीबी का उपचार उपलब्ध होने के बावजूद भी लगभग 12. 5 लाख मौत विश्व में टीबी के कारण होती है जिनमे से भारत में ही लगभग 26% मृत्यु टीबी से होती है।इन मौतों के विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश मौत ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस ( एमडीआर, प्रीएक्सडीआर और एक्सडीआर) में होती है। यद्यपि केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रयासों से आज बहुत प्रभावी उपचार इन रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध है फिर भी इन ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस ( एमडीआर, प्रीएक्सडीआर और एक्सडीआर) रोगियों में उपचार से केवल 65-7o% तक ही सफलता मिलती है। अनेक रोगियो को समर्पित ड्रग रेजिस्टेंस ट्यूबरकुलोसिस रेस्पिरेटरी इंटेंसिव केयर यूनिट की आवश्यकता होती है जिससे जीवन बचाया जा सके। डा सिंह ने बताया कि एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा का पुनर्निर्मित रेस्पिरेटरी मेडिसिन वार्ड संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण (आईपीसी) उपायों के हिस्से के रूप में हेपा(एच.ई.पी.ए.) फिल्टर को शामिल करने वाला राज्य का पहला रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग है।