Case filed against girlfriend for boyfriend’s death…#etahnews
Agra News: Urge to activate SPCA in cases of animal cruelty in Agra…#agranews
आगरालीक्स…आगरा की बड़ी सोसाइटी से देशी कुत्तों को निकाला जा रहा है. पशु प्रेमी बोले—पशुओं की मदद करें या लोगों का विरोध झेलें. कैस्पर्स होम की संचालिका ने कहा—पुलिस का मिले सहयोग
डीएम को ज्ञापन सौंप मांगा सहयोग
कैस्पर्स होम की विनीता अरोड़ा ने अपने सहयोगियों संग आज डीएम के नाम ज्ञापन देकर पशु क्रूरता के मामलों में निपटारे के लिए पुलिस का सहयोग मांगा। कलेक्ट्री में अपरजिलाधिकारी हिमांशु गौतम को ज्ञापन सौंपते हुए एसपीसीए (सोसायटी ऑफ प्रिवेन्शेन ऑफ क्रूएलटी टूवर्ड्स एनीमल) को सक्रिय करने का आग्रह किया। कहा कि रस्सी से लंगूर को बांधकर लोग बंदरों से छुटकारा पाना चाहते हैं। जो देशी श्वान बंदरों से सुरक्षा दे सकते हैं उन्हें अपने क्षेत्रों से हटाने के लिए क्रूरता करते हैं। महंगे विदेशी श्वानों को पालते हैं, फिर 12 वर्ष तक की उम्र में बूढे होने पर सड़कों पर छोड़ देते हैं। फिर जानवरों द्वारा काटने की दुहाई देते हैं। हालांकि जिन क्षेत्रों में देसी श्वानों को क्षेत्रीय लोग भोजन देते हैं, वहां कोई समस्या नहीं। क्षेत्रीय लोगों को समझाने जाओ तो पशुओं की मदद के साथ संस्था के लोगों को विरोध झेलना पड़ता है, गालियां सुननी पड़ती है।
विनीता अरोड़ा के साथ मौजूद प्राची जैन को हिमांशु गौतम ने आश्वासन का पूरा सहयोग देते हुए कहा कि जहां दिक्कत आए उस क्षेत्र से सम्बंधित प्रार्थना पत्र तुरन्त दें। पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग मिलेगा। जल्दी ही एसपीसीए को भी सक्रिय करने और सक्रिय एनजीओ को उसमें शामिल करने का आश्वासन दिया। विनीता अरोड़ा ने बताया कि पशु क्रूरता मामलों की शिकायत भी क्षेत्रीय लोग (जो पशु प्रेमी होते हैं) करते हैं और विरोध भी क्षेत्रीय लोग करते हैं। विरोधी लोगों के कारण पशु प्रेमी क्षेत्रीय लोग सामने आने से ड़रते हैं। यदि पुलिस व एसपीसीए का सहयोग मिले तो पसु प्रेमी भी सामने आने से नहीं डरेंगे।

ये उदाहरण दिए
1-विनीता अरोड़ा ने हाल ही में संजय प्लेस एचआईजी फ्लैट का उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ पशु प्रेमी क्षेत्रीय लोगों के भय से खुलकर सामने नहीं आते। वहां नसबंदी होने के बाद भी सभी देशी श्वासनों को रीलोकेट करने की जिद पर अड़े हैं। अन्यथा श्वानों को जहर देकर मारने की बात करते हैं। सोसायटी के सचिव मनीष ने दो श्वानों को कैस्पर्स होम के शैल्टर में यह कहकर भेज दिया कि इसके बाद अन्य श्वानों को नहीं भेजेंगे। हालाकि मेनका गांधी की पीए मीनाक्षी ने फोन कर सोसायटी की अध्यक्ष सरोज व हरि पर्वत थाना के एसएचओ को बेवजह किसी भी श्वान को रीलोकेट करने की बात से मना किया है।
2-वहीं एत्मादपुर स्थित एक मेडिकल कालेज में बंदरों के आतंक से बचने के लिए लंगूर को बहुत ही क्रूरता पूर्ण तरीके से बांधकर रखा हुआ था। कैस्पर्स होम की टीम पहुंची तो विरोध किया। फिर डीएफओ की मदद से संरक्षित क्षेणी में आने वाले लंगूर को तलाशा गया।
3-तीसरे मामले में हाल ही में विदेशी ब्रीड के फीमेल श्वानों को शाहगंज की एक नर्सरी में बेरहमी के साथ बांधकर रखा हुआ। जांच करने पर पता चला कि शाहगंज क्षेत्र का एक बैटनरी डॉक्टर ब्रीडिंग का अवैध धंधा करते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस का सहयोग चाहिए पुलिस रुचि नहीं लेती।