Agra News: With the help of youth, the health department controlled the spread of dengue in 200 high risk settlements…#agranews
आगरालीक्स…आगरा की 200 बस्तियां जो डेंगू के लिए थीं हाई रिस्क. इनमें पिछले साल 16 डेंगू के मरीज मिले, इस बार सिर्फ एक मरीज मिला. कुछ युवा स्वयंसेवकों ने कर दिखाया कमाल
गढ़ी हुसैनी, सीतानगर, नगला भारती, सराय मलूक चंद, सराय ख्वाजा, मोहनपुरा, जेपी नगर, इस्लामनगर, बापू नगर जैसी 200 हाई रिस्क बस्तियों को स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबेड परियोजना के प्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय युवाओं के सहयोग से डेंगू के प्रसार को नियंत्रित किया। वर्ष 2023 में इन 200 हाई रिस्क बस्तियों में 16 डेंगू के मरीज मिले थे, जबकि 2024 में इन बस्तियों में केवल एक ही डेंगू का मरीज मिला है। यह कमाल स्वास्थ्य विभाग के साथ काम कर रहे सीतानगर निवासी ओम गुप्ता और गढ़ी हुसैनी निवासी ज्योति कुमारी जैसे युवा स्वयंसेवकों ने कर दिखाया है। उन्होंने दिखाया कि क्षेत्रीय नागरिकों की जागरुकता से क्षेत्र को सुरक्षित और रोगमुक्त बनाया जा सकता है।
गढ़ी हुसैनी निवासी ज्योति कुमारी बताती हैं कि वह पढ़ाई कर रही हैं। इसके साथ ही वह स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबेड संस्था के साथ अपने क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों के उन्मूलन के लिए भी युवा स्वयंसेवक के रूप में कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमने अपने घर को मच्छर जनित रोगों से मुक्त किया। इसके लिए अपने घर के आस-पास के 200 मीटर के दायरे में मच्छरों के पनपने के कारणों जैसे- गमलों, टायरों और कूलर में भरे साफ पानी को हटाया। इसके बाद में अपने क्षेत्र में भी यही प्रक्रिया दोहराई। उन्होंने बताया कि पहले उनके क्षेत्र में दो डेंगू के मरीज मिले थे, लेकिन इस साल एक भी डेंगू का मरीज नहीं मिला है।
सीतानगर निवासी ओम गुप्ता ने बताया कि हमने अभियान के तहत लोगों को जागरुक किया। उन्हें बताया कि साफ पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है। इससे बचाव के लिए अपने क्षेत्र में पानी का जमाव न होने दें। इसके साथ ही टीम के साथ क्षेत्र में मच्छरों के लार्वा को ढूढ़कर उनका सोर्स रिडक्शन कराया। दो माह से मेरे क्षेत्र में मच्छर जनित रोगों से संबंधित कोई केस नहीं आया है मैं आशा करता हूं कि यह स्थिति लगातार बनी रहे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद आगरा के शहरी क्षेत्र में डेंगू , मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए जनपद आगरा में फैमिली हेल्थ इंडिया गोदरेज और ज़िला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से एंबेड संस्था मच्छर जनित बीमारियों के उन्मूलन परियोजना का संचालन 2022 से कर रही है। इस परियोजना में क्षेत्रीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें स्वयंसेवक बनाया गया और उनको प्रशिक्षित कर विभाग की टीम और एंबेड संस्था के सदस्यों ने विभिन्न स्तर पर अभियान चलाकर 200 हाई रिस्क बस्तियों से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे रोगों का उन्मूलन किया।
वेक्टर बॉर्न रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. एसएम प्रजापति ने बताया कि एंबेड संस्था जनपद में 357 लक्षित मलिन बस्तियों में मच्छर जनित बीमारियों के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग का सहयोग कर रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 200 हाई रिस्क बस्तियों को चिन्हित कर उनमें विशेष अभियान संचालित किया गया। इसमें क्षेत्रीय युवा स्वयंसेवकों ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई और हमें मच्छर जनित रोगों की रोकथाम में सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि जिन हाईरिस्क 200 बस्तियों में साल 2023 में 16 डेंगू के मरीज मिले थे, उनमें साल 2024 में केवल एक ही डेंगू का मरीज मिला।
जिला मलेरिया अधिकारी राजेश गुप्ता ने बताया कि एंबेड संस्था की बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन फेसिलिटेटर नीरज कुमारी और श्वेता के द्वारा हाई रिस्क बस्तियों में युवाओं का चिन्हांकन करके उन्हें सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत विगत वर्ष जिन बस्ती में डेंगू के मरीज पाए गए उन बस्ती को सिविक एक्शन कार्यक्रम में शामिल किया गया और बस्ती के युवाओं को संचारी रोग की जानकारी बैठकों के माध्यम से युवाओं को दी गई । उन्हें मच्छर पनपने के कारणों, मच्छर जनित रोगों, डेंगू के लार्वा और उसका सोर्स रिडक्शन करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों में युवा स्वयंसेवकों को शामिल करके लोगों को जागरुक किया गया। एफएचआई संस्था ( फैमिली हेल्थ इंडिया), एंबेड परियोजना के प्रतिनिधियों के द्वारा मच्छर जनित रोगों और डेंगू बचाव और जागरूकता गतिविधियों में सहयोग किया जा रहा है। एफएचआई, फैमिली हेल्थ इंडिया संस्था, एंबेड परियोजना के सिटी कोऑर्डिनेटर इरशाद खान, यूथ कोऑर्डिनेटर मोहित शर्मा, बीसीसीएफ कार्यकर्ता और युवा स्वयंसेवक के द्वारा मच्छर जनित रोगों और डेंगू बचाव जागरूकता गतिविधियों में सहयोग किया जा रहा है।
सहायक मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबेड परियोजना के कार्यकर्ताओं ने हाई रिस्क बस्तियों में सर्वे करके, सामुदायिक बैठकों का आयोजन करके लोगों को मच्छर जनित रोगों और उनसे बचाव के संबंध में लोगों को जागरुक किया। लोगों को बताया कि अपने आसपास पानी को जमा न होने दें, क्योंकि यहीं पर मच्छर पनपते हैं। इसके साथ ही इन बस्तियों में अभियान चलाकर युवा स्वयंसेवकों और टीम के द्वारा कूलर, गमलों, टायरों मं भरे पानी को साफ किया। इसके साथ ही 800 घरों में डेंगू का लार्वा चिन्हित करके उसका सोर्स रिडक्शन किया गया। साथ में नगर निगम के सहयोग से इन बस्तियों में तय रोस्टर के तहत एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया गया। उन्होंने बताया कि अभी आगरा में 32 मलिन बस्तियों में 32 स्वयं सेवक दैनिक तौर पर कार्य कर रहे हैं। जबकि लगभग 1200 युवा स्वयं सेवक इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं जो समय समय पर सुविधानुसार संचारी रोगों से बचने के लिए मुहिम का हिस्सा हैं।
आप भी अपने क्षेत्र को मच्छर जनित रोगों से बचाएं-
- अपने घर के 200 मीटर के आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें और कहीं भी पानी जमा न होने दें। पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं।
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, विशेष रूप से उन जगहों पर जहां मच्छर अधिक होते हैं।
- मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े और लंबी पैंट पहनें।
- घर में मच्छर भगाने वाले इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग करें, जैसे कि लिक्विड रिपेलेंट मशीनें।
- घर के दरवाजों और खिड़कियों पर मच्छरदानी या जाली लगाएं ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
- पानी के टंकी, बाल्टी और अन्य पानी के बर्तन को ढक कर रखें।
- सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा समय-समय पर मच्छर जनित रोगों की जांच कराएं और किसी भी असामान्य लक्षणों पर ध्यान दें।