आगरालीक्स…गर्भावस्था में खून की कमी न सिर्फ गर्भवती बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी है खतरनाक. समय—समय पर खून की जांच जरूरी…आगरा में गर्भावस्था में एनीमिया के प्रबंधन पर हुआ मंथन
आगरा आब्सटेट्रिकल एंड गायनेकोलाॅजिकल सोसायटी की ओर से फतेहाबाद रोड स्थित होटल क्रिस्टल सरोवर में गर्भावस्था में एनीमिया के प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी और मंथन किया। सर्वप्रथम कार्यशाला की शुरूआत एओजीएस कीं अध्यक्ष डाॅ. आरती मनोज ने अतिथियों का स्वागत करके की। कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को खान-पान का विशेष ध्यान रखने के अलावा डाक्टर की सलाह मानकर समय समय पर खून जांच जरूर करानी चाहिए जिससे कि समय रहते आयरन की कमी है तो आयरन की गोली या इंजेक्शन द्वारा या किसी और वजह से खून नही बन रहा तो उसका उपचार समय रहते करना आवश्यक है , नहीं तो ये जानलेवा भी हो सकती है ।
खून की कमी के कारण केवल गर्भवती को ही नहीं बल्कि उनके गर्भ में पल रहे शिशु को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मुख्य वक्ता ने तथ्यों पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि कैसे हम खून की मात्रा इंजेक्शन वा गोली लेकर बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इतने बडे़ स्तर पर चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों के बावजूद भी आज 2022 में एनीमिया के प्रबंधन में हम कहां खडे़ हैं। सत्र की अध्यक्षता डाॅ. संतोष सिंघल, डाॅ. सुधा बंसल और डाॅ. नरेंद्र मल्होत्रा ने की। मध्यस्थता डाॅ. अल्का सारस्वत और डाॅ. मीनल जैन ने की।
सचिव डाॅ. सविता त्यागी ने कहा कि एनीमिया के कारण प्रसव के दौरान जटिलताएं बढ़ जाती हैं। अधिक रक्तस्त्राव से गर्भवतियों की जान को खतरा रहता है। इसलिए गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान रक्तस्त्राव प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त खून होना जरूरी है। केस आधारित पैनल डिस्कशन हुआ जिसमें डाॅ. उर्वशी, डाॅ. रचना अग्रवाल, डाॅ. सोनल गुप्ता, डाॅ. मेघा गुप्ता शामिल रहीं। संचालन डाॅ. गायत्री गुप्ता ने किया। इस अवसर पर. डा मधु राजपाल, डा सुधा बंसल, डा शर्मिला पंजवानी , डा रत्ना शर्मा, डा कामिनी खुराना डा संगीता बंसल आदि मौजूद रहे.