Agra Metro: Casting work of ring segments for underground metro
Agra Vyapaar Mandal warns against black marketing of foods item in Agra# agranews
आगरालीक्स…आगरा में कालाबाजारी की ढेरों शिकायतें. आगरा व्यापार मंडल की चेतावनी-बख्शे नहीं जाएंगे ऐसे लोग. कहा—इंसानियत के साथ न करें धोखा, ये नाजुक दौर
ये नाजुक दौर, कालाबाजारी घिनौना काम
आगरा में खाद्य सामग्री की लगातार आ रही कालाबाजारी की शिकायतों पर आगरा व्यापार मंडल ने आक्रोश जताया है. आगरा व्यापार मंडल ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे नाजुक दौर में अगर किसी भी व्यापारी ने कालाबाजारी की, चाहे वो खाद्य सामग्री हो या दवाईयों की हो या किसी अन्य सामग्री, आगरा व्यापार मंडल ऐसे व्यापारियों का बहिष्कार करेगा और उनके खिलाफ प्रशासन से कठोर कारवाई कराई जाएगी. व्यापार मंडल के अध्यक्ष टीएन अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास रोजाना दवाईयों और खाद्य सामग्री आदि की कालाबाजारी की शिकायतें मिल रही हैं उन सभी को अंतिम चेतावनी दे रहे हैं कि ऐसा घिनोना कार्य ना करें, इंसानियत के साथ धोखा ना करें यह सबको मिलकर लड़ना है. सबकी अपने स्तर पर सहायता करनी है.
डबल हो गए रेट
आगरा में वीकेंड लॉकडाउन अभी दो दिन बाद से शुरू होगा लेकिन उससे पहले ही अचानक तेल—रिफाइंड जैसे सामानों के दाम बाजारों में उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. तेल जो कि अभी तक 135 से 140 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था वह अचानक 180 रुपये प्रति लीटर हो गया है. यही हाल रिफाइंड को लेकर है. रिफाइंड के दामों में भी दो दिन के अंदर 40 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है. इसके अलावा सब्जियों के दाम अचानक डबल हो गए हैं. लोगों की समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर दाम इतने अचानक महंगे कैसे हो गए. इधर पान—मसाला व गुटखा भी लोगों को महंगा मिल रहा है. 5 रुपये वाला पैकेट जहां 6 से 7 रुपये का बेचा जा रहा है तो वहीं 10 रुपये वाला पैकेट भी 12 से 14 रुपये तक बिक रहा है. दुकानदारों का कहना है कि थोक विक्रेताओं द्वारा पान मासाला का स्टॉक खत्म होने की बात कही जा रही है. इसके अलावा चोरी छुपे देने पर इसे महंगा दिया जा रहा है. मजबूरन हम लोग भी एक से दो रुपये महंगा बेच रहे हैं. हालांकि पाउचों पर एमआरपी अभी भी पुरानी वाली है.
जमाखोरी और कालाबाजारी बढ़ी
आगरा में वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही जरूरी सामानों के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. लोगों को आशंका है कि लॉकडाउन लग सकता है ऐसे में वह अपने पास इकट्ठा सामान रखना चाह रहे हैं. जिसका सीधा फायदा बड़े दुकानदारों द्वारा उठाया जा रहा है. थोक विक्रेताओं द्वारा अब माल की उपलब्धता नहीं बताई जा रही है वहीं चोरी छुपे इसे महंगा दिया जा रहा है जिसके कारण फुटकर विक्रेता भी महंगा सामान बेच रहे हैं. लोगों का कहना है कि पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था तब भी इस तरह की कालाबाजारी सामने आई थी लेकिन महंगाई जिस हिसाब से इस बार बढ़ रही है वह तो पिछले साल भी नहीं बढ़ी. हां तम्बाकू जरूर पिछले साल 8 गुना तक महंगा बिका था.