Sunday , 22 December 2024
Home अध्यात्म Ahoi Ashtami on 24th October: It will be celebrated in an auspicious coincidence, Know the auspicious worship time…#agranews
अध्यात्म

Ahoi Ashtami on 24th October: It will be celebrated in an auspicious coincidence, Know the auspicious worship time…#agranews

आगरालीक्स…अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर को. शुभ संयोग में मनाई जाएगी. संतान की उन्नति, शुभता और आयु वृद्धि के लिए उपवास रखेंगी महिलाएं. जानिए शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी का व्रत अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत कार्तिक कृष्णपक्ष मास की अष्टमी तिथि पुष्य नक्षत्र साध्य योग बालव करण के शुभ संयोग में मनाया जाएगा इस दिन संतानवती स्त्रियों के द्वारा किया जाता है। अहोई अष्टमी का पर्व मुख्य रुप से अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना के लिये किया जाता है। इस पर्व के विषय में एक ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस व्रत को उसी वार को किया जाता है। जिस वार की दिपावली हों।इस वर्ष यह संयोग 24 अक्टूबर 2024 गुरुवार के दिन पड रहा है।

अहोई अष्टमी व्रत विधि
अहोई व्रत के दिन व्रत करने वाली माताएं प्रात: उठकर स्नान करे, और पूजा पाठ करके अपनी संतान की दीर्घायु व सुखमय जीवन हेतू कामना करती है और माता अहोई से प्रार्थना करती है, कि हे माता मैं अपनी संतान की उन्नति, शुभता और आयु वृद्धि के लिये व्रत कर रही हूं, इस व्रत को पूरा करने की आप मुझे शक्ति दें यह कर कर व्रत का संकल्प लें एक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से संतान की आयु में वृद्धि, स्वास्थय और सुख प्राप्त होता है. साथ ही माता पार्वती की पूजा भी इसके साथ-साथ की जाती है। क्योकि माता पार्वती भी संतान की रक्षा करने वाली माता कही गई है।उपवास करने वाली स्त्रियों को व्रत के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए और उपवास के दिन मन में बुरा विचार लाने से व्रत के पुन्य फलों में कमी होती है। इसके साथ ही व्रत वाले दिन, दिन की अवधि में सोना नहीं चाहिए। अहोई माता की पूजा करने के लिये अहोई माता का चित्र गेरूवे रंग से मनाया जाता है। इस चित्र में माता, सेह और उसके सात पुत्रों को अंकित किया जाता है। संध्या काल में इन चित्रों की पूजा की जाती है।

सायंकाल की पूजा करने के बाद अहोई माता की कथा का श्रवण किया जाता है। इसके पश्चात सास-ससुर और घर में बडों के पैर छुकर आशिर्वाद लिया जाता है। तारे निकलने पर इस व्रत का समापन किया जाता है। तारों को करवे से अर्ध्य दिया जाता है। और तारों की आरती उतारी जाती है। इसके पश्चात संतान से जल ग्रहण कर, व्रत का समापन किया जाता है

अहोई व्रत कथा
अहोई अष्टमी की व्रत कथा के अनुसार किसी नगर में एक साहूकार रहता था उसके सात लडके थें दीपावली आने में केवल सात दिन शेष थें, इसलिये घर की साफ -सफाई के कार्य घर में चल रहे थे, इसी कार्य के लियेसाहुकार की पत्नी घर की लीपा-पोती के लिये नदी के पास की खादान से मिट्टी लेने गई खदान में जिस जगह मिट्टी खोद रही थी, वहीं पर एक सेह की मांद थी स्त्री की कुदाल लगने से सेह के एक बच्चे की मृत्यु हो गई।
यह देख साहूकार की पत्नी को बहुत दु:ख हुआ शोकाकुल वह अपने घर लौट आई सेह के श्राप से कुछ दिन बाद उसके बडे बेटे का निधन हो गया फिर दूसरे बेटे की मृत्यु हो गई, और इसी प्रकार तीसरी संतान भी उसकी नहीं रही, एक वर्ष में उसकी सातों संतान मृत्यु को प्राप्त हो गई।अपनी सभी संतानों की मृत्यु के कारण वह स्त्री अत्यंत दु:खी रहने लगी एक दिन उसने रोते हुए अपनी दु:ख भरी कथा अपने आस- पडोस कि महिलाओं को बताई, कि उसने जान-बुझकर को पाप नहीं किया है अनजाने में उससे सेह के बच्चे की हत्या हो गई थी उसके बाद मेरे सातों बेटों की मृत्यु हो गई यह सुनकर पडोस की वृद्ध महिला ने उसे दिलासा दिया और कहा की तुमने जो पश्चाताप किया है उससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है।तुम माता अहोई अष्टमी के दिन माता भगवती की शरण लेकर सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी आराधना कर, क्षमा याचना करों, तुम्हारा कल्याण होगा। ईश्वर की कृपा से तुम्हारा पाप समाप्त हो जायेगा साहूकार की पत्नी ने वृद्ध महिला की बात मानकार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का व्रत कर माता अहोई की पूजा की, वह हर वर्ष नियमित रुप से ऎसा करने लगी, समय के साथ उसे सात पुत्रों की प्राप्ति हुई, तभी से अहोई व्रत की परम्परा प्रारम्भ हुई है।

अहोई अष्टमी पूजा महूर्त
अहोई अष्टमी चन्द्रोदय व्यापिनी अष्टमी को मनायी जानी चाहिए, इसलिए 24अक्टूबर, गुरूवार को ही अहोई अष्टमी मनायी जाएगी।
अष्टमी तिथि आरम्भ 23 अक्टूबर की रात्रि 01:18 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त 24 अक्टूबर गुरुवार की रात 01 बजकर 58 मिनट पर
पूजा का शुभ समय गुरुवार 24 अक्टूबर सायं – 5:00 से 06:30बजे तक विशेष मुहुर्त
तारों को देखने का समय: 24 अक्टूबर को शाम 05:00से 06 बजकर 45 मिनट
अहोई अष्टमी की रात चन्द्रोदय –24अक्टूबर की रात 12:00 पर होगा

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परमपूज्य गुरुदेव पंडितह्रदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

Related Articles

अध्यात्म

People with these zodiac signs will be blessed by Shani Dev. Read horoscope of 21st December 2024

आगरालीक्स…इन राशि वाले जातकों पर रहेगी शनिदेव की कृपा. पढ़ें 21 दिसंबर...

अध्यात्म

Rashifal 18 December 2024: How will your stars be on Wednesday…

आगरालीक्स…18 दिसंबर 2024 को कैसे रहेंगे आपके सितारे. पढ़िए राशिफल मेष राशि-...

अध्यात्म

Rashifal 17 December 2024: People with these zodiac signs will get happiness by the grace of Lord Hanuman

आगरालीक्स…हनुमान जी की कृपा से इन राशि वाले जातकों को मिलेंगी खुशियां....

अध्यात्म

Rashifal 12 December 2024: These zodiac signs may get good news, the day will be wonderful

आगरालीक्स…12 दिसंबर 2024 का राशिफल. इन राशियों को मिल सकती हैं अच्छी...