At the time of installation of Shri Ganeshji, keep in mind which direction the trunk of the idol is facing, you will get auspicious results
आगरालीक्स.. विघ्नहर्ता श्री गणेश कि घर, स्टोर, ऑफिस व सार्वजनिक जगहों पर स्थापना के समय श्री गणेश जी की सूंड किस तरफ घूमी हुई होनी चाहिए, जानें जिससे शुभ फलदायक सिद्ध हो।

सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ

श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार वाले ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा कहते हैं क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाईं ओर होती है। सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ हैं। इनकी एकतरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है।
श्री गणेश की मूर्तियां सीधी या उत्तर की ओर सूंड की
🏵 भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं। कुछ मुर्तियों में गणेशजी की सूंड को बाई को घुमा हुआ दर्शाया जाता है तो कुछ में दाई ओर। गणेश जी की सभी मूर्तियां सीधी या उत्तर की ओर सूंड वाली होती हैं।
बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव
मान्यता है कि गणेश जी की मूर्त जब भी दक्षिण की ओर मुड़ी हुई बनाई जाती है तो वह टूट जाती है। कहा जाता है कि यदि संयोगवश आपको दक्षिणावर्ती मूर्त मिल जाए और उसकी विधिवत उपासना की जाए तो अभिष्ट फल मिलते हैं। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है
दाईं सूंड वाली प्रतिमा विघ्न विनाशक
🌺 प्राय: गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाओं से दिखती है। जब सूंड दाईं ओ घूमी होती है तो इसे पिंगला स्वर और सूर्य से प्रभावित माना गया है। एसी प्रतिमा का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है।
बाई सूंड वाली प्रतिमा खुशहाली के लिए
बाईं ओर मुड़ी सूंड वाली मूर्त को इड़ा नाड़ी व चंद्र प्रभावित माना गया है। ऐसी मूर्त की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है। जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, व्यवसाय, उन्नति, संतान सुख, विवाह, सृजन कार्य और पारिवारिक खुशहाली
सीधी सूंड वाली प्रतिमा साधना के लिए
🌸 सीधी सूंड वाली मूर्त का सुषुम्रा स्वर माना जाता है और इनकी आराधना रिद्धि-सिद्धि, कुण्डलिनी जागरण, मोक्ष, समाधि आदि के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। संत समाज ऐसी मूर्त की ही आराधना करता है। सिद्धि विनायक मंदिर में दाईं ओ सूंड वाली मूर्ति है इसीलिए इस मंदिर की आस्था और आय आज शिखर पर है।
घर में दाईं ओर घूमी हुई सूंड के गणेशजी
🔥 यदि गणेशजी की स्थापना घर में करनी हो तो दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ होते हैं।
दाईं ओर सूंड वाले गणेशजी सिद्धि विनायक
दाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धि विनायक कहलाते हैं। ऎसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है व शुभ फल प्रदान करता है।इससे घर में पॉजीटिव एनर्जी रहती है व वास्तु दोषों का नाश होता है
घर के मुख्य द्वार पर बाईं ओर की सूंड वाले गणेशजी
🏵 घर के मुख्य द्वार पर भी गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ होता है। यहां बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी की स्थापना करना चाहिए। बाई ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्नविनाशक कहलाते हैं। इन्हें घर में मुख्य द्वार पर लगाने के पीछे तर्क है कि जब हम कहीं बाहर जाते हैं तो कई प्रकार की बलाएं, विपदाएं या नेगेटिव एनर्जी हमारे साथ आ जाती है। घर में प्रवेश करने से पहले जब हम विघ्वविनाशक गणेशजी के दर्शन करते हैं तो इसके प्रभाव से यह सभी नेगेटिव एनर्जी वहीं रूक जाती है व हमारे साथ घर में प्रवेश नहीं कर पाती.