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Auspicious time of Rakshabandhan, Choghadiya Muhurta, Bhadra kal, do this remedy for the health benefits of sick brother
आगरालीक्स… रक्षाबंधन 12 अगस्त को रक्षा सूत्र बांधने का शुभ समय, चौघड़िया मुहूर्त, भद्राकाल, बीमार भाई के लिए बहनें क्या करें उपाय समेत विविध जानकारी।
जिम्मेदारी और स्नेह का पर्व
गुरु ज्योतिष शोध संस्थान और गुरु रत्न भंडार के ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा कहते हैं रक्षाबंधन के माध्यम से भाई बहन के बीच आपसी जिम्मेदारी और स्नेह में वृद्धि होती है। राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं। परन्तु ब्राह्मण, गुरु और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है।
पूरे दिन का है त्योहार
💥 भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार श्रावणी पूर्णिमा 12 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 7:05 तक है उदया तिथि होने से यह शुभ त्योहार पूरे दिन मनाया जाएगा।
12 अगस्त को भद्रा का साया नहीं
🌺 शास्त्रानुसार रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस बार पूरे दिन नहीं है। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा।
रक्षाबंधन शुभ समय
🌻 रक्षा बंधन का पर्व श्रावण मास में उस दिन मनाया जाता है जिस दिन पूर्णिमा अपराह्ण काल में पड़ रही हो। हालाँकि आगे दिए इन नियमों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है।
🌻 यदि पूर्णिमा के दौरान अपराह्ण काल में भद्रा हो तो रक्षाबन्धन नहीं मनाना चाहिए। ऐसे में यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती तीन मुहूर्तों में हो, तो पर्व के सारे विधि-विधान अगले दिन के अपराह्ण काल में करने चाहिए।
🌻 यदि पूर्णिमा अगले दिन के शुरुआती 3 मुहूर्तों में न हो तो रक्षा बंधन को पहले ही दिन भद्रा के बाद प्रदोष काल के उत्तरार्ध में मना सकते हैं। यद्यपि पंजाब आदि कुछ क्षेत्रों में अपराह्ण काल को अधिक महत्वपूर्ण नहीं माना जाता है, इसलिए वहाँ आम तौर पर मध्याह्न काल से पहले राखी का त्यौहार मनाने का चलन है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार भद्रा होने पर रक्षाबंधन मनाने का पूरी तरह निषेध है, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो।
🌻 ग्रहण सूतक या संक्रान्ति होने पर यह पर्व बिना किसी निषेध के मनाया जाता है।
पूर्णिमा तिथि का आरम्भ
🌻 ज्योतिष पंचांगों के अनुसार पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 11 अगस्त 2022 को सुबह 10:38 बजे से होगा। और पूर्णिमा तिथि का समापन 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा।
भद्राकाल का समय
🌻 इस बार भद्रा 11 अगस्त 2022 को प्रातः 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होगी जो रात्रि 08 बजकर 51 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद भद्रा मुक्त समय होने से रक्षाबंधन संपन्न किया जाएगा। यदि भद्रा काल में यह कार्य करना हो तो भद्रा मुख को त्यागकर भद्रा पुच्छ काल में इसे करना चाहिए। 12अगस्त को।
🔶क्या है भद्रा
🌷शास्त्रों की मान्यता के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से होता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में, भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उसे कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टी करण रखा गया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया। इसलिये इस बार भद्रा का साया समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन अनुष्ठान किया जाता है। लेकिन इस बार भद्रा मुक्त रक्षाबंधन होने से यह बहनों के लिये बहुत ही हर्ष का पर्व है।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त
🍁 रक्षाबंधन अनुष्ठान का शुभ मुहूर्त🌸 सुबह 05 बजकर52 मिनट से शाम 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
♦️रक्षाबंधन के लिये अपराह्न (दोपहर) का मुहूर्त👉 दोपहर 01 बजकर 15 मिनट से शाम 02 बजकर 45 मिनट तक
रहेगा।
💥 रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार इस बार 12 अगस्त यानि शुक्रवार के दिन है। वहीं इस पावन पर्व पर विशेष योग भी बन रहे हैं। दरअसल पूर्णिमा तिथि शोभन योग लग रहा है। वैदिक ज्योतिष में शोभन योग बनने से आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी और आपके रूके हुए काम पूरे हो जाएंगे। नौकरीपेशा वालों को कार्यक्षेत्र में उन्नति और पारितोषिक भी मिल सकता है। इसलिए यदि आप किसी शुभ काम को इस योग में शुरू करते हैं तो काफी उत्तम रहता है।
🌺 वैसे तो रक्षा बंधन का मुहूर्त सुबह 05:52 से शाम 05:45 मिनट तक रहेगा लेकिन स्थानीय मान्यताओं अनुसार कुछ लोग शुभ चौघड़िए या अभिजीत मुहूर्त देखकर भी राखी बांधते है उनकी सुविधा अनुसार चौघड़िया और अभिजीत मुहूर्त भी दिए जा रहे है।
चौघड़िया मुहूर्त का शुभ समय
🌷 प्रातः 05:52से 11:45 तक चर,लाभ, अमृत का समय रहेगा
🌷 दोपहर 01:15से 02:45 तक शुभ का चौघड़िया मुहूर्त रहेगाजो बहुत शुभ माना जाएगा
🌷 इसके बाद सांय04:15 से05:45तक चर का चौघड़िया रहेगा जो हर तरह से शुभ माना जाएगा
रक्षाबंधन के विशेष उपाय
🔷 यदि आप बहनो का कोई भाई ज्यादा बीमार रहता हो या किसी अन्य परेशानी में हो तो निम्न उपाय करना चाहिए।
🔶 रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने से ठीक पहले अपनी दायीं मुट्ठी में पीली सरसों (1चम्मच) व 7 लोंग लेवे।
🔷 उस सामग्री को भाई के ऊपर से एन्टी क्लॉक वाइज 27 बार लगातार उल्टा उसार देवे। फिर उसी वक्त उस सामग्री को गर्म तवे पर डाल कर ऊपर से कटोरी उल्टी रखे। जब सारी सामग्री काले रंग की हो जाये तब नीचे उतार लेवे व चौराहे पर किसी से फिकवां देवें। खुद नही फेंकें।
🔶 ध्यान रहे सरसो व लोंग आपको अपने घर से लेकर जाने है यदि आप शादीशुदा हैं तो, अन्यथा खुद ही बाजार से नए खरीदे। घर के काम में नही लेवें। उपाय के बाद तवे को भी अच्छे से धो लें सरसों उसरने के बाद ज्यादा देर घर मे ना रखें तुरंत बाहर ले जाएं।
🌸 इस उपाय को राखी के दिन ही करना है। पुनरावृत्ति न करें।