आगरालीक्स…अलीगढ़ के बादल बाबू ने पाकिस्तान में इस्लाम कबूला. अपने माता—पिता से बोला—अब शायद ही कभी आ पाउं. पाकिस्तानी लड़की के प्यार में कर गया था बार्डर पार
पाकिस्तान की जेल में बंद अलीगढ़ के बादल बाबू की शुक्रवार को कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान उसके वकील ने वीडियो कॉल पर बादल की उसके माता—पिता से बात कराई. बादल ने मुस्कुराते हुए अपने माता पिता से बात की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान उसने कहा कि उसने इस्लाम कबूल कर लिया है और अब शायद ही कभी पाकिस्तान से आ पाए. उसने अपने माता—पिता से हंसते हुए बात की. बादल से माता पिता की बात सिर्फ दो मिनट 20 सेकेंड ही हुई. इस दौरान उसने ये भी कहा कि गलत इरादा न था और नही गलत काम के लिए आया. बस कुछ मजबूरी ऐसी बनी. युवती की मुश्किलें ऐसी थीं कि जिस वजह से पाकिस्तान आना पड़ा. मैं ठीक हूं. मैंने इस्लाम कबूल कर लिया है. ऐसा करने के लिए मेरा दिल कहता था और अब मैं कभी नहीं आउंगा. मुझे आप सबकी याद आती है. रोना मत नहीं तो मुझे दुख होगा. बादल के मामले में पाकिस्तान की कोर्ट में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी. इस संबंध में बादल के पिता का कहना है कि हमें उसके इस्लाम अपनाने पर कोई आपत्ति नहीं है. बस वह वापस आ जाए. मां से बात करते समय दोनेां भावुक हो गए.
27 दिसंबर 2024 को पाकिस्तान पुलिस ने बादल को अरेस्ट किया था. वीजा या दस्तावेज मांगे तो वो नहीं दिखा सका. इस पर उसे 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.
युवती ने कर दिया शादी से मना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बादल बाबू पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन में रहने वाली 21 साल की सना रानी के माउंग गांव पहुंचा था. दोनों ढाई साल से फेसबुक पर दोस्त थे. बादल उससे शादी करना चाहता था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वहां पहुंचने पर बादल ने एक जगह नौकरी भी की लेकिन उसकी भाषा के कारण उस पर शक हुआ और बाद में पाकिस्तान पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया. इधर जिस सना रानी के लिए बादल ने बार्डर पार किया था, उसने पाकिस्तान पुलिस को दिए बयानों में कहा है कि उसे बादल से शादी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
अलीगढ़ बरला क्षेत्र के गांव खिटकारी में रहने बादल के पिता ने डीएम एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर मदद की गुहार लगाई थी. पत्र को विदेश मंत्रालय भेजा गया. बादल के पिता ने इसके बाद दिल्ली के एक परिचित के माध्यम से कराची के अधिवक्ता से संपर्क किया और उनसे आनलाइन मैसेंजर पर बात हुई. उन्होंने कागजात मांगे और कहा कि जमानत के लिए प्रार्थना पत्र तैयार कर लिया है. अगर 24 से पहले आरोप पत्र दाखिल हो जाता है तो जमानत की अर्जी डाली जाएगी. जरूरत पड़ने पर पिता को पाकिस्तान भी बुलाया जा सकता है.