Wednesday , 2 April 2025
Home अध्यात्म Chaitra Navratri 2025: The fifth form of the mother Skandamata will be worshiped…#agranews
अध्यात्म

Chaitra Navratri 2025: The fifth form of the mother Skandamata will be worshiped…#agranews

आगरालीक्स…चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन बुधवार को होगी माता के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा. मोक्ष प्रदाता है मां स्कंदमाता. जानिए इनसे संबंधित पूरी जानकारी

चैत्र शुक्लपक्ष, पंचमी दिन बुधवार कृतिका नक्षत्र आयुष्मान योग और बव करण के शुभ संयोग में 2 अप्रैल 2025 को देवी मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कंदमाता की पूजा घर घर होगी.

माता का चोला (पीले रंग का)
शुभ रंग (सफेद)
भोग केला
दान करने से शरीर स्वच्छ और सुंदर बनता है

मां दुर्गा जी के पांचवे स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. इनकी उपासना नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है. भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय नाम से भी जाने जाते हैं. ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति भी बने थे. देवी भगवती का पांचवा स्वरूप नारी शक्ति और मातृशक्ति का सजीव चरित्र है. स्कंद कुमार की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. वह गणेश जी की भी माता है. गणेश जी मानस पुत्र हैं और कार्तिकेय जी गर्भ से उत्पन्न हुए. तारकासुर को वरदान था कि वह शंकर जी के शुक्र से उत्पन्न पुत्र द्वारा ही मृत्यु को प्राप्त हो सकता है. इसी कारण देवी पार्वती जी का शंकर जी से मंगल परिणय हुआ. इससे ही प्रभु कार्तिकेय पैदा हुए और असुर तारकासुर का वध हुआ.

कमल के आसन पर विराजती हैं माता
कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण पद्मासना देवी भी कहा जाता है. मां स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान कार्तिकेय की उपासना स्वयमेव हो जाती है. यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है. अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए. शंकर पार्वती के मांगलिक मिलन को सनातन धर्म संस्कृति में विवाह परंपरा का प्रारंभ माना गया है. कन्यादान, गर्भधारण इन सभी की उत्पत्ति शिव और पार्वती के प्रसंगों उपरांत हुई. नवरात्र के पांचवे दिन का शास्त्रों में पुष्कल (बहुत) महत्व बताया गया है इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होता है.

मोक्ष प्रदाता है मां स्कंदमाता
पौराणिक मान्यता अनुसार देवी का यह रूप इच्छा, ज्ञान और क्रिया शक्ति का समागम है. जब ब्रह्मांड में व्याप्त शिव तत्व का मिलन त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कंद का जन्म होता है. नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की आराधना करने से भक्त अपने व्यवहारिक ज्ञान को कर्म में परिवर्तित करते हैं. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार देवी का यह रूप इच्छाशक्ति, ज्ञान शक्ति और क्रिया शक्ति का समागम है. स्कंदमाता ज्ञान और क्रिया के स्रोत आरंभ का प्रतीक मानी गई है. जातक को सही दिशा का ज्ञान न होने के कारण वह विफल हो जाता है मां स्कंदमाता की आराधना करने वाले को भगवती जीवन में सही दिशा ज्ञान का उपयोग कर उचित कर्मों द्वारा सफलता सिद्धि प्रदान करती हैं. योगीजन इस दिन विशुद्ध चक्र में अपना मन एकाग्र करते हैं. यही चक्र प्राणियों मे स्कंदमाता का स्थान है. स्कंदमाता का विग्रह चार भुजाओं वाला है. यह अपनी गोद में भगवान स्कंद को बैठाए रखती हैं. दाहिनी ओर की ऊपर वाली भुजा से धनुष बाण धारी छहमुख वाले (षडानन) बाल रूप स्कंद को पकड़े रहती हैं जबकि बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा आशीर्वाद और बर प्रदाता मुद्रा में रखती हैं. नीचे वाली दोनों भुजाओं में माता कमल पुष्प रखती हैं. इनका वर्ण पूर्ण पूरी तरह निर्मल कांति वाला सफेद है. यह कमल आसन पर विराजती हैं. वाहन के रूप में इन्होंने सिंह को अपनाया है.

पौराणिक मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता! “नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यैनमो नमः

प्रसिद्द (ज्योतिषाचार्य) परमपूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष )श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी WhatsApp नंबर-9756402981,7500048250

Related Articles

अध्यात्म

Mother Katyayani will be worshipped on the sixth day of Chaitra Navratri. Know about this form of the mother and her glory…#Chaitranavratri

आगरालीक्स…चैत्र नवरात्र के छठवें दिन होगी मां कात्यायनी की पूजा. शहद का...

अध्यात्म

Chaitra Navratri: The fourth form of the Goddess Kushmanda will be worshipped in the temples on 1st April…#agranews

आगरालीक्स…चैत्र नवरात्र के चौथे दिन देवी मंदिरों में होगी मां के चौथे...

अध्यात्म

Chaitra Navratri 2025: Goddess second form Brahmacharini and third form Chandraghanta will be worshipped…

आगरालीक्स…चैत्र नवरात्रि में कल दो तिथि एक साथ. मां के दूसरे स्वरूप...

अध्यात्म

The moon was sighted in Saudi Arabia. Eid will be celebrated on 31st March in entire India including Agra…

आगरालीक्स…सऊदी अरब में हुआ चांद का दीदार. आगरा सहित पूरे भारत में...

error: Content is protected !!