Darvesh Singh Case: Manish Sharma funeral takes place in Agra
आगरालीक्स.. आगरा में यूपी की बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह हत्याकांड के आरोपी एडवोकेट मनीष शर्मा का शव आगरा पहुंचा, यहां अंतिम संस्कार में बडी संख्या में लोग शामिल हुए।
आगरा की दीवानी में यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश सिंह की चार गोली मारकर हत्या करने के आरोपी एडवोकेट मनीष शर्मा की 10 दिन तक मेदांता मेडिसिटी, गुरुग्राम में इलाज के बाद शनिवार को मौत हो गई। रविवार दोपहर में सिल्वर सिटी सेवला स्थित आवास पर शव पहुंचा। यहां बडी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। इसमें अधिवक्ता भी थे। मनीष शर्मा के परिजनों का कहना है कि यह पूरी घटना साजिश है, इसकी जांच होनी चाहिए।
9 जून को आगरा की अधिवक्ता 38 वर्षीय दरवेश सिंह यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन चुनी गईं। वे 12 जून को आगरा के दीवानी पहुंची, यहां उनका स्वागत हुआ। वे वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चेंबर में बैठी थी। आरोप है कि उनके साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने दरवेश सिंह के एक के बाद एक चार गोली मारी, इसके बाद खुद को गोली मार ली। दरवेश सिंह को अधिवक्ता पुरष्पांजलि हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी। मनीष शर्मा को रेनबो और वहां से मेदांता मेडिसिटी में भर्ती कराया गया।
10 दिन बाद मनीष शर्मा की मौत
मनीष शर्मा के दाएं तरपफ कनपटी में गोली लगी, यह गोली पार निकल गई थी। मेदांता में मनीष शर्मा को वेंटीलेटर पर रखा गया, 10 दिन इलाज के बाद शनिवार दोपहर में मनीष शर्मा की भी मौत हो गई।
2004 से साथ में कर रहे थे प्रैक्टिस
दरवेश सिंह और मनीष शर्मा ने एलएलबी के बाद एलएलएम किया था। इन दोनों ने दीवानी में एक ही चेंबर में 2004 से प्रैक्टिस शुरू की, दोनों अच्छे दोस्त थे और दीवानी में साथ रहते थे।
12 जून को यह हुई घटना
आगरा में 12 जून को यूपी बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष चुने जाने पर दरवेश सिंह दीवानी पहुंची। यहां उनका स्वागत हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दरवेश सिंह और मनीष शर्मा के करीबी वकीलों की बात को साझा करते हुए लिखा है कि दरवेश ने पूछा कि मनीष क्यों नहीं है, मनीष के न आने की जानकारी होने पर दरवेश सुबह 10 बजे अपने चैंबर में पहुंच गई, इसी चैंबर में 2004 से दरवेश सिंह और मनीष शर्मा एक साथ प्रैक्टिस कर रहे थे।
अपनी कुर्सी हटाए जाने पर रोने लगी दरवेश
चैंबर में दरवेश सिंह ने देखा कि वहां से उनकी कुर्सी हटा दी गई है तो वह फूट-फूटकर रोने लगीं। वह बहुत भावुक हो रही थीं। उन्होंने कहा कि मनीष को बुलाओ। इसी पर साथी वकीलों ने मनीष को फोन किया। वह साढ़े दस बजे पहुंचा। चिंताहरण मंदिर पर दोनों की मुलाकात हुई। दोनों बहुत भावुक थे, मनीष को देखते ही दरवेश की आंखों से आंसू निकल आए थे, मनीष भी रोने लगा। आधा घंटा मुलाकात चली। इस दौरान लोगों ने दरवेश के साथ मनीष को भी माला पहनाईं। मनीष और दरवेश ने एक -दूसरे को मिठाई खिलाई। इसके बाद वे चेंबर में गए, वहां दरवेश सिंह बैठी हुई थी, एक के बाद एक चार गोली दरवेश को मारने के बाद खुद को गोली मार ली।