आगरालीक्स…(25 August 2021 Agra News) प्रकृति के नजदीक रहेंगे तो रोग आपसे दूर रहेंगे. देशयोग चैरिटेबिल ट्रस्ट के संस्थापक व दूर संचार मंत्रालय के निदेशक सुभाष देशयोगी ने दिए गम्भीर रोगों से मुक्ति के टिप्स
संतुलित भोजन करेंगे तो दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी
धरती पर जितने भी जीव हैं, इनमें सिर्फ इंसान ही है जो भोजन को पका कर (भोजन की पोष्टिकता को नष्ट कर) खाता है। इसी का नतीजा है कि वह बीमारियों और दवाओं से घिरा रहता है। जितना प्रकृति के नजदीक रहेंगे, बीमारियां आपसे दूर रहेंगी। दवाओं के माध्यम से आप जितने भी सप्लीमेंट लेते हैं, वह सब आपके भोजन में मौजूद है। अपने भोजन की पौष्टिकता को नष्ट किए बिना, संतुलित मात्रा और दवा के रूप में खाएंगे तो जीवन में कभी किसी दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आगरावासियों से रूबरू हुए सुभाष देशयोगी
सिर्फ खाने के माध्यम से स्वस्थ और निरोग रहने के लिए ऑनलाइन शिक्षा देकर हजारों लोगों को रोग मुक्त कर चुके देशयोग चैरिटेबिल ट्रस्ट के संस्थापक व दूर संचार मंत्रालय के निदेशक (इसरो में साइंटिस्ट भी रह चुके हैं) सुभाष देशयोगी आज आगरावासियों से रू-ब-रू हुए। शमशाबाद रोड मारुति फारेस्ट के कम्यूनिटी हॉल में आयोजित व्याख्यान में उन्होंने बताया कि जीवन ही जीवन को पोषण दे सकता है। जबकि हम स्वाद के लिए मृत भोजन खाते हैं और बीमारियों को न्यौता देते हैं। सिर्फ चार महीने हमारे तरीके से भोजन खाइये। गारन्टी से डायबिटीज, मोटापा और व्यसन जैसी समस्यें पास भी नहीं आएंगी।
जीवन भी कम है श्रीमद्भागवत गीता को समझने के लिए
शरीर को निरोगी रखने की यह विधि श्रीमद्भगवत गीता के अध्याय 17 का श्लोक 5 पर आधारित है। एक श्लोक हैं के लिए चार माह चाहिए। गीता में 700 श्लोक हैं। जीवन भी कम है गीता को समझने के लिए। बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों को योग और सही खा-पान की शिक्षा से लेकर अपनी संस्कृति, संस्कार और सभ्यता से परिचित कराने का काम कर रहे सुभाष देशयोगी कहते हैं, हमारा उद्देश्य लोगों को दवों से दूर और निरोग रखना है। इस अवसर पर डायबिटीड, कॉलेस्ट्रोल जैसी समस्यों से निजात पा चुके लोगों ने अपने अनुभव भी साझा किए। इस अवसर पर पांडे विजय भूषण प्रसाद, वीरेन्द्र कुमार गुप्ता, विक्रम गुप्ता, विशाल, डॉ. राहुल गुप्ता, शिखा मौजूद रहे.
भोजन में ओमेगा 3 फैटी एसिट जरूर हो
सुभाष देशयोगी ने बताया कि भोजन में ओमेगा 3 फैटी एसिड अवश्य होना चाहिए। आप चाहे जितना धूप में बैठ लीजिए, जब तक आपके शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड नहीं होगा, शरीर में विटामिन डी नहीं बनेगा। विटामिन डी बनने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड का होना जरूरी है। जो हमें ट्राई फ्रूट व अल्सी के बीज से मिलता है।
शरीर शोधन क्रियाओं को जीवन का हिस्सा बनाएं
जिस तरह हम हर रोज दांत और अपने बाहरी शरीर को साफ करते हैं, उसी तरह निरोग रहने के लिए आंतरिक अंगों को भी साफ रखना आवश्यक है। हमारे ग्रंथों में ऋषियों द्वारा त्राटक, जल नेती, नयन नेती जैसी क्रियाएं बतायी गई, जिनका अभ्यास हो तो व्यक्ति को कभी डॉक्टर के पास न जाना पड़े। कपाल भांति से वक्ष स्थल का कोई रोग नहीं हो सकता। लेकिन इसे सही तरीके से करना आना चाहिए।