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Diwali 2024: . Know the auspicious time of Diwali worship and ascendant during day and night….#agranews

आगरालीक्स…31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाना शुभ. जानिए दिन में और रात के समय दीपावली पूजन और शुभ लग्न मुहूर्त

इस वर्ष 2024 में श्री महालक्ष्मी पूजन दीपावली का प्रमुख पर्व त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी गुरुवार में ही मान्य रहेगा. 31 अक्टूबर गुरुवार में कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी तिथि दोपहर 03:52 तक मान्य होगी. इसके उपरांत सूर्यास्त से पहले ही अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है. अतः इस वर्ष दीपावली का पर्व त्यौहार गुरुवार 31अक्टूबर में ही मनाया जाना शुभ माना जाएगा. इस दिन चित्रा नक्षत्र मध्य रात्रि उपरांत 12:44 तक रहेगा. इसके बाद स्वाति नक्षत्र वर्तमान में माना जायेगा. प्रीति योग 01 नबम्बर सुबह 10:40 तक रहेगा. चित्रा नक्षत्र और प्रीति योग में अमावस्या तिथि का होना अत्यंत शुभ माना जाता है.

31 अक्टूबर दिन बुधवार को 2 घंटे 24 मिनट का प्रदोष काल है जिसमें किसी भी प्रकार की पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायक माना जाएगा. इस वर्ष 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को ही पूर्ण प्रदोष काल माना जाएगा इसमें दीपावली पूजन करना सभी को उत्तम रहेगा जबकि प्रदोष काल दीपावली पूजन के लिए 1 नवंबर दिन शुक्रवार को कुछ समय ही मिलेगा, अतः 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को ही दीपावली पूजन करना सर्वोत्तम माना जाएगा. इसमें दुकानदार व्यापारी ,निजी कारोबारी का काम करने वाले शिक्षा से संबंधित लोग, शिल्पी, चित्रकार, किराना खाद्य पदार्थ सोना चांदी ,कल कारखाने ,रसायन उद्योग से संबंधित लोग कलाकर्म वाहन लेनदेन किसी कार्य का संचालन करने वाले लोग आदि सभी कार्य करने वालों के लिए यह त्यौहार अत्यंत उत्तम शुभ माना जाएगा. दीपावली माता लक्ष्मी जी की उत्पत्ति तिथि होने के कारण से सभी तरह के काम धंधे करने वाले लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है.

राहु काल-दोपहर 1:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक रहेगा जो इस दिन का सबसे खराब और नेष्ट समय कहा जाएगा यह समय किसी भी कार्य के लिए शुभ नही रहेगा.

दीपावली पूजन और दिन के शुभ लग्न मुहूर्त
मीन लग्न में पूजा पाठ करने वाले श्री गणेश लक्ष्मी त्रिदेव परमशक्ति नवग्रह कुबेर भंडारी रिद्धि सिद्धि सहित बही बसना खाता कलम दवा पूजन करने तथा कारोबार करने वाले लाभ उन्नति की ओर अग्रसर होते रहेंगे इस लग्न में लोहा – स्टील, कांच, कवाड़ा, तेल, कोयला, मैटल, मशीनरी उधोग, कलपुर्जे, पार्ट्स, खनिज पदार्थों शनि से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए यह मीन लग्न अति उत्तम लाभकारी उन्नति दायक मानी जाएगी क्योंकि इस समय में चर और लाभ के उत्तम चौघड़िया मुहूर्त भी उपलब्ध होंगे.
मीन लग्न दोपहर 03:40 से सांय 05:10 तक मीन लग्न रहेगी इसमे शुभ का चौघडिया मुहूर्त उपलब्ध रहेगा इस वर्ष मीन राशि में दैत्य सेनापति राहु विराजमान है अतः दीपावली पूजन से पहले राहु की पूजा करना अनिवार्य रहेगा इसमें लग्नेशवली माना जाएगा इससे वर्षभर इस समय में पूजा करने वाले लोगों की कार्यशैली में लाभ उन्नति वनी रहेगी इस लग्न में स्कूल कॉलेज स्टेशनरी किताब कॉपी कोचिंग ट्यूशन सेंटर का कार्य करने वाले लोगों के लिए यह समय सर्वोत्तम माना जाएगा.
मेष लग्न (गोधूलिबेला ) सांय 05 :10 से सांय 06:40 तक लक्ष्मी पूजन वाले दिन सांयकाल के समय यह लग्न रहेगी मेष लग्न मै ही गोधूलि बेला रहेगी और प्रदोष काल सांयकाल 05:01 से प्रारम्भ हो जाएगा दीपावली पूजन के लिए शुभ समय कहा जा सकता है इसी लग्न मै “गोधूलिबेला” का प्रभाव तथा प्रदोष के उत्तम समय का समागम असफलता के मध्य सफलता दायक उन्नति दायक कहाजाएगा.

इस मेष लग्न में पूजन करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा इस लग्न में बिल्डिंगमैटेरियल काम करने वाले डॉक्टर वैध जर्नल स्टोर हलवाई खाद्य पदार्थ हार्डवेयर का काम पुलिस ,सैना ,एजेंसी ,परचून विसायती ,तारकोल, भूमि भवन से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्ति ,प्रॉपर्टी एवं रियल स्टेट के कार्य करने वाले व्यक्ति एवं खनिज लवण रसायन से संबंधित व्यक्ति इस लग्न में पूजा पाठ करके अत्यंत शुभफल के भागी बन सकते हैं.

दीपावली पूजन और रात्रि के शुभ लग्न मुहूर्त
सर्वश्रेष्ठ वृषभ लग्न एवं प्रदोषकाल पूजा का मुहूर्त *- ♦सायंकाल 06:40 से रात्रि 08:20 तक रहेगी दीप मालिका दिन गुरुवार की रात्रि वृष लग्न मै रोजगार भाव में स्बग्रही शनि सप्तम भाव में वृश्चिक राशि में बुद्ध और शुक् अत्यंत सफल दायक माने जाएंगे फलदायक स्थितियों को बनाते हैं विश्व प्रसिद्ध चौघड़िया मुहूर्त रात्रि 12:04बजे से रात्रि 1:40 तक शुभ-लाभ उन्नति फलदायक रहेंगे क्योंकि इसमें “शुभ” का अत्यंत शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपलब्ध रहेंगा यह किसी भी व्यक्ति के लिए रात्रि में घर की पूजा का सर्वोत्तम समय कहलाया जाएगा ‘प्रदोष’ के समय “अमृत”और “चर” का चौघड़िया मुहूर्त की गति मनोकामना पूर्ति में सहायक बनेगी लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल को पूर्वाचार्यो ने सर्वश्रेष्ठ माना है हां तो प्रदोष काल में दीपावली का पूजन करें यह समय सब तरह से सर्वश्रेष्ठ और दिन का अति उत्तम समय माना जाएगा प्रदोष के अधिपति भगवान आशुतोष भगवान भोलेनाथ शंकर जी सब तरह की सुख समृद्धि प्रदान करने वाले देवता कहे गए हैं इस लग्न में ज्वेलर्स जवाहरात का काम करने वाले लोग सौंदर्य प्रसाधन टीवी फ्रिज एसी वाशिंग मशीन का काम करने वाले व्यक्ति शॉपिंग मॉल रेस्टोरेंट से संबंधित एवं विलासिता हाई-फाई काम करने वाले व्यक्ति संचार क्षेत्र मोबाइल केबल नेटवर्क कार्य करने वाले लोग वाहन की एजेंसी वाले लोग इस समय में पूजा पाठ करने से पुण्य लाभ के भागी बन सकते है.
मिथुन लग्न = रात्रि 08:20से रात्रि 10:20तक मिथुन लग्न में “चर” का चौघड़िया मुहूर्त रहेगे जो किस की सभी तरह के काम धंधे करने वालों के लिए अत्यंत शुभ फल प्रदान करेंगे जिसके प्रभाव से उद्योग धन्धो के संचालकों को रोजगार मिलेगा और लाभ उन्नति बढ़ती जाएगी इस समय में पूजा करने से माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी और उद्योग धंधे फलते फूलते नजर आएंगे इस लग्न में होटल रेस्टोरेंट दवा दवाओं की फार्मेसी लकड़ी टिंबर रजाई गद्दे लकड़ी के फैंसी सामान कार्य करने वाले व्यक्ति डेयरी उद्योग दूध से बने खाद्य पदार्थो के काम करने वाले व्यक्ति यो के लिए यह समय उत्तम कहा जाएगा.

कर्क लग्न=(निशीथ काल) = रात्रि 10:20 से मध्य रात्रि 12:50 तक कर्क लग्न इस समय “लाभ” का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा , इस समय को निशिथ काल माना जाएगा निशीथ काल की व्याप्ति मैं दीपावली पूजन अत्यंत सुखद माना जाता है शुभ समय में पूजा करने तथा करवाने वाले उत्तरोत्तर लाभ उन्नति की ओर अग्रसर होते जाते हैं रात्रि 12:00बजे के बाद निशीथ काल प्रारंभ हो रहा हैजो रात्रि01:40 मिनट तक रहेगा, यह समय घरेलू पूजन आदि के लिए सर्वोत्तम रहता है इसमें अधिकतर लोग अपने घरों की पूजा करते हैं निशीथ काल में समुद्र मंथन के समय माता लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए इस समय को सभी विद्वान आचार्य अत्यंत श्रेष्ठ मानते हैं तांत्रिक एवं सिद्धि करने वाले लोगों के लिए यह समय रामबाण का काम करता है इस समय में श्री गणेश महा लक्ष्मी इन्द्र कुबेर भंडारी रिद्धि सिद्धि शक्तियों सहित श्री ब्रह्मा विष्णु महेश नवग्रह मंडल देवताओं आदि की पूजा करे वही वसना पूजा करने तथा कराने वाले साल भर उन्नति लाभ की ओर बढ़ते रहते हैं जिससे माता लक्ष्मी की कृपा उन पर और उनके परिवार पर हमेशा हमेशा के लिए बनी रहती है पूजन विद्वान आचार्य से कराने पर लक्ष्मी जी का भंडार कभी भी खाली नहीं होता क्योंकि उसमें फल का अंश और मिल जाता है.

प्रसिद्ध(ज्योतिषाचार्य)परमपूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा (अध्यक्ष) श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सर्राफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

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