आगरालीक्स ..आगरा में नोटबंदी के बाद रिश्वते लेते हुए एक क्लर्क को रंगे हाथ पकडा गया है। क्लर्क ने 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी, विजिलेंस टीम ने प्लानिंग के बाद शिक्षक को रिश्वत देने के लिए क्लर्क के पास भेजा, क्लर्क द्वारा रिश्वत लेते ही विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड लिया। विजिलेंस की टीम फतेहाबाद क्षेत्र में शिक्षा विभाग के बिल बाबू को रंगे हाथ पकडने के बाद पूछताछ कर रही है।
आगरा के फतेहाबाद में एबीआरसी के बिलबाबू भूप सिंह ने झारपुरा के सहायक अध्यापक शैलेंद्र सिंह से एरियर के दो लाख रुपये की धनराशि निकालने के लिए 50 हजार रुपये मांगे थे। शिक्षक रुपये न देने की बात करने लगा तो बिलबाबू ने एरियर लगाने से इन्कार कर दिया। इस पर शिक्षक ने बिलबाबू की शिकायत विजिलेंस टीम से की।
रंगे हाथ पकडा गया बिलबाबू
बुधवार को शिक्षक शैलेंद्र सिंह ने बिलबाबू को 50 हजार रुपये रिश्वत देने के लिए कह दिया। दोपहर में शिक्षक रुपये लेकर बिलबाबू के पास पहुंचा, उनके साथ सादा ड्रेस में विजिलेंस की टीम थी। जैसे ही शिक्षक ने बिलबाबू को 50 हजार रुपये दिए, विजिलेंस की टीम ने उसे पकड लिया, उसे अपने साथ ले आए और पूछताछ की जा रही है।
रिश्वत का होता है हिस्सा बांट
शिक्षा विभाग में पहले भी रिश्वत लेते हुए क्लर्क पकडे जा चुके हैं, हर काम के शिक्षा विभाग में पैसे लिए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, रिश्वत का हिस्सा बांट होता है। क्लर्क के रंगे हाथ पकडे जाने से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के होश उडे हुए हैं, उन्हें डर से कि रिश्वत के खेल का क्लर्क खुलासा न कर दे।
शिक्षक था, लेकिन कमाई के लिए बाबू के पद पर अटैचमेंट
रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया भूप सिंह मूलत: धनौली का निवासी है। उसकी तैनाती फतेहाबाद के प्राथमिक विद्यालय झारपुरा में सहायक अध्यापक पद पर है। खुद को विकलांग दर्शाते हुए उसने कार्यालय में अटैचमेंट करा लिया था। लंबे समय से बिल बाबू का काम संभाल रहा था। पूर्व में भी उसकी रिश्वतखोरी की शिकायत विभागीय लोग करते रहे हैं मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए शैलेंद्र सिंह ने विजिलेंस टीम की मदद ली।
बीआरसी को पकडवा चुका है
भूप सिंह ने रिश्वत लेते हुए एक बीआरसी को पकड़वाया था। मगर इस बार वह खुद ही फंस गया।
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