Five temples of Vrindavan, where you go, you will drown in the devotion of lord Krishna…#agranews
आगरालीक्स….वृंदावन में बांके बिहारी जी के अलावा वो पांच मंदिर, जहां जाएंगे तो आप कान्हा की भक्ति में डूब जाएंगे…जानें पट खुलने की टाइमिंग
वृंदावन कृष्ण की नगरी है और जो भी कोई यहां आता है वह बांके बिहारी जी की भक्ति में डूब जाता है. ठाकुरजी के दर्शन करने के लिए लोग देश विदेश के कोने—कोने से हर दिन आते हैं. मंदिर के पट खुलने से पहले ही भक्तों की भीड़ अपने आराध्य को देखने के लिए लग जाती है. वृंदावन में यूं तो घर—घर में मंदिर हैं. एक अनुमान के मुताबिक यहां 5000 से अधिक मंदिर हैं. फिर भी हम पांच ऐसे मंदिर बता रहे हैं जहां भक्त जाएंगे तो वह ठाकुरजी की भक्ति में डूब जाएंगे.
प्रेम मंदिर
भव्यता से परिपूर्ण प्रेम मंदिर एक विशाल मंदिर है. इसे वर्ष 2001 में जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा बनवाया गया था. ये मंदिर भगवान के प्रेम का मंदिर के रूप में जाना जाता है. इस मंदिर में आप रोजाना सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच जा सकते हैं या फिर शाम को 4:30 बजे से रात के 8:30 बजे तक के बीच जा सकते हैं.
इस्कॉन वृंदावन मंदिर
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के रूप में ये मंदिर है. इस्कॉन वृंदावन स्वामी प्रभुपाद का एक सपना था कि कृष्ण और बलराम दो भाइयों के लिए भी एक मंदिर बनवाना चाहिए और वो भी उसी पवित्र नगर में जहां वे एक साथ कई सदियों पहले खेला करते थे. ये मंदिर रोजाना सुबह 4 बजकर 30 मिनट से दोपहर एक बजे तक खुलता है और वहीं शाम को 4 बजकर 30 मिनट से रात के 8 बजकर 30 मिनट तक खुलता है.
राधा रमण मंदिर
वृंदावन रेलवे स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित राधारमन मंदिर वृंदावन के सबसे आधुनिक हिंदू मदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है जिन्हें राधा रमन माना जाता है जिसका अर्थ है राधा को प्रसन्न करने वाला. यहां गोपाल भट्ट की समाधि भी है. यह मंदिर रोजाना सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक और शाम को 6 बजे से रात को 8 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलता है.
श्रीरंगनाथ मंदिर
वृंदावन लोकप्रिय रूप से मंदिरों का शहर और भगवान की भूमि के रूप में जाना जाता है. श्री रंगनाथ मंदिर इस खूबसूरत शहर में स्थित एक प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिर है. यह भगवान विष्णु और उनकी पत्नी मां देवी लक्ष्मी को समर्पित है. श्री रंगनाथ मंदिर में भगवान नरसिंह, वेणुगोपाल और रामानुजाचार्य के साथ राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों को भी प्रदर्शित किया गया हे. यह मंदिर रोजाना सुबह 7 बजकर दोपहर 11 बजे तक खुलता है और फिर शाम को साढे 5 बजे से रात के 8 बजे तक खुलता है.
शाहजी मंदिर
शाहजी मंदिर का निर्मासण वर्ष 1876 में शाह कुंदन लाल द्वारा किया गया था और यह भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. इसकी प्रभावशाली संगमरमर की संरचना में प्रतयेक 15 फीट की उंचाई के 12 सुंदर सर्पिल स्तंभ हैं औ साथ ही हॉल में बसंती कामरा भी है जो कि एक बेल्जियम के कांच का झूमर है. यह मंदिर रोजाना सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को साढ़े पांच बजे से रात के साढ़े सात बजे तक खुलता है.