Gastritis: Make the right choice of food, otherwise one day you will be in trouble…#healthagra
आगरालीक्स…नौ बजे नाश्ता करें तो 12 बजे तक डकार आती हैं, पेट से छाती तक जलन का सेंसेशन होता है, ये गैस्ट्राइटिस है, डाॅक्टर और डायटीशियन की मदद लें नहीं तो समस्या गंभीर हो जाएगी, सीनियर गैस्ट्रोएंट्रोलाॅजिस्ट डाॅ. पंकज कौशिक से जानें
आगरा में लोग खा रहे हैं लेकिन क्या खाना है ये पता नहीं है। इसी वजह से पेट, लिवर और आंत रोग बढ़ रहे हैं। असल में आपको अपने लिए खाने का चुनाव करना होगा नहीं तो एक न एक दिन समस्या में पड़ जाएंगे। हर शरीर अपना सिस्टम बनाता है, आपको अपना सिस्टम पता होना चाहिए और उसी के हिसाब से जीवनशैली अपनानी चाहिए। यह कहना है आगरा गैस्ट्रो लिवर सेंटर के सीनियर गैस्ट्रोएंटरोलाॅजिस्ट डाॅ. पंकज कौशिक का।
क्या है गैस्ट्राइटिस ?
डाॅ. कौशिक बताते हैं कि खाने की थैली की लाइनिंग में जो इनफिलिमेशन, रेडनेस या स्वेलिंग होती है उसे गैस्ट्राइटिस कहा जाता है। यह काफी लक्षण लेकर आती है। कुछ भी आप खाएंगे आपको पेट में भारीपन लगेगा। नौ बजे तक नाश्ता करेंगे तो 12 बजे तक लगेगा कि पेट तन रहा है। बदहजमी होगी। काफी देर बात तक डकार आती रहेंगी। जी मचलाएगा, वाॅमेटिंग हो सकती है। खाने की थैली के उपर लगतार नेगिंग पेन होगा। पेट से छाती तक जलन के सेंसेशन आएंगे। अगर डाॅक्टर और डायटीशियन की मदद से इसका इलाज करने की कोशिश नहीं करते हैं तो समस्या गंभीर हो जाएगी। अल्सर बन जाएंगे। खून की कमी हो जाएगी। ब्लीडिंग हो सकती है। लम्बे समय तक रहने से गैस्ट्रिक कैंसर की संभावना भी होगी।
क्या न खाएं ?
अगर आपको गैस्ट्राइटिस है तो सीटरस फल अवाॅइड करने हैं, संतरा, मौसमी का जूस, खट्टे फल और जूस, टमेटो सूप, स्पाइस फ्लेवर वाली सभी चीजें चाहे वो प्याज हो, गार्लिक हो, लाल, काली मिर्च नहीं खानी चाहिए।
क्या खा सकते हैं ?
सेब, केला, सभी तरह के बैरीज जैसे स्ट्राॅबेरी, ब्लूबैरीज, सब्जियों में कद्दू, गाजर खाएं। केला खाने की थैली में म्यूकस के प्रोटेक्शन को बढ़ाता है। इससे खाने की थैली में प्रोटेक्टेड लेयर बेहतर होगी और एसिड से बचाव करेगी। इसमें फायबर अच्छी मात्रा में होता है।
ग्रेन्स
आपको होल ग्रेन्स की तरफ जाने की जरूरत है। रिफाइंड, मैदा से बचें। होल वीट ब्रेड, ब्राउन राइस, ओट्स, कुनोवा, बार्ले खा सकते हैं। यह फाइबर भी देते हैं और स्टमक की लाइनिंग को इरिटेड नहीं करते हैं। घी, तेल, चिकनाई से परहेज कर दही खा सकते हैं।
प्रोटीन्स
प्रोटीन्स शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। अंडे खा सकते हैं लेकिन बाॅइल, दिन में कितने भी खाएं नुकसान नहीं करेंगे प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं लेकिन अंडे को फ्राई करके, आमलेट बनाकर खाना अवाॅइड करें। मेवे खा सकते हैं लेकिन रेड मीट, चिकन आदि से परहेज करें। बेकरी आइटम्स से दूरी बनाए रखें। बहुत से लोग समझते हैं कि गैस्ट्राइटिस में आइसक्रीम मददगार है लेकिन यह एकदम उलट है। आइसक्रीम डैमेज करती है।
बेवरेज
कैफीन और शुगर ड्रिंक्स को अवाॅइड करें। सोडा बेस्ड आइटम्स को अवाॅइड करें। एनर्जी ड्रिंक्स, अल्कोहल से दूर रहें। पानी, हर्बल टी, नाॅन डेरी मिल्क, लो एसिड जूस हेल्प करेंगे।
जरूरी बात
एक बार के खाने को कई बार में खाएं। अपने खाने का चुनाव करें। खाने के तुरंत बात लेटें नही और रात का खाना सोने से तीन घंटे पहले होना चाहिए।