Good News: Metro ran for the first time in Agra. Trial run from Depot to Taj East station…#agranews
आगरालीक्स…आगरा में पहली बार दौड़ी मेट्रो. देखने वालों की लग गई भीड़….
आगरा में आज मेट्रो पहली बार दौड़ी तो देखने वालों की भीड़ लग गई. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम ने मंगलवार शाम डिपो से लेकर टीडीआई माल तक मेट्रो का ट्रायल किया. यह पहला मौका है जब मेट्रो डिपो से बाहर निकली है. हालांकि ट्रायल के दौरान मेट्रो में सिर्फ चालक ही मौजूद रहा जबकि किसी अन्य यात्री को बैठने नहीं दिया गया.
आगरा डिपो से तीन किलोमीटर लंबे एलिवेटेड ट्रैक में मेट्रो की गति को कम ज्यादा किया गया. यह गति 10 किलोमीटर से लेकर 40 किलोमीटर तक पहले चक्र में रही. कारपोरेशन के एक अधिकारी ने बताया कि 2 से 3 माह तक डिपो से लेकर टीडीआई माल तक दो मेट्रो के ट्रायल किए जाएंगे.
छह महीने में आगराइट्स करेंगे सफर
आगरा मेट्रो काम बहुत तेजी से हो रहा है. प्रॉयरिटी कॉरिडोर के तीन ऐलिवेटेड स्टेशन ताज पूर्वी गेट, बसई स्टेशन और फतेहाबाद रोड स्टेशन पर काम लगभग पूरा हो चुका है. वहीं इसके अलावा तीन अंडरग्राउंड स्टेशन ताजमहल, आगरा फोर्ट और जामा मस्जिद का काम युद्धस्तर पर जारी है. मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि जनवरी 2024 तक आगराइट्स इन स्टेशनों के बीच मेट्रो में सफर कर सकेंगे. इसके कुछ ट्रायल पहले होंगे और सफल होने पर यात्रियों के लिए मेट्रो की सौगात शुरू हो जाएगी.
प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि आगरा की मेट्रो ट्रेन अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस है और आगरा वासिओं के लिए एक सुविधाजनक, सुरक्षित, प्रदूषणमुक्त एवं किफायती यात्रा का साधन होंगी. उन्होंने कहा कि आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल प्रणाली पर काम करेंगी। इस प्रणाली में पारुंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) प्रणाली की जगह पर पटरियों के समानांतर एक तीसरी रेल (पटरी) का प्रयोग किया जाता है।
बता दें कि ओएचई प्रणाली में ट्रैक के ऊपर तारों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रणाली में ट्रेनें छत पर लगे पैंटोग्राफ के द्वारा ओएचई लाइन से उर्जा लेकर चलती हैं। वहीं, थर्ड रेल प्रणाली में ट्रेनें ट्रैक के समानांतर बिछाई गई तीसरी पटरी से ऊर्जा लेकर चलती हैं। 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली आगरा मेट्रो ट्रेनें संचालन हेतु थर्ड रेल का प्रयोग करेंगी। इस प्रणाली में कॉरिडोर के ऊपर कोई तार न होने की वजह से आगरा मेट्रो कॉरिडोर भी बेहद आकर्षक नजर आएगा।
आगरा मेट्रो ट्रेन का निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मुहिम ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘मेक इन इडिंया’ के तहत गुजरात के सावली में स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में किया जा रहा है। अबतक तीन मेट्रो ट्रेनें आगरा आ चुकी हैं, जिनकी टेस्टिंग आगरा मेट्रो डिपो में की जा रही है।
आगरा मेट्रो ट्रेनों की विशेषताएँ:
- इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 35% तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा।
- इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
- ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
- आगरा मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
- इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी।
- ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।
- ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे।
- आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा।
- इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है।
- हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुँचेगा।
- हर ट्रेन में 56 यूएसबी (USB) चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे।
- इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
- टॉक बैक बटन: इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।
गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे. इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।