आगरालीक्स …गौपाष्टमी कल है, जानें गौपाष्टमी के बारे में। श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भण्डार भंडार वाले प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा के अनुसार, सोमवार के दिन गौपाष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन प्रात: काल में गौओं को स्नान आदि कराया जाता है।
kl इस दिन बछडे़ सहित गाय की पूजा करने का विधान है. प्रात:काल में ही धूप-दीप, गंध, पुष्प, अक्षत, रोली, गुड़, जलेबी, वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन किया जाता है और आरती उतारी जाती है. इस दिन कई व्यक्ति ग्वालों को भी उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करते हैं।
गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर गौशाला में गोसंवर्धन हेतु गौ पूजन का आयोजन किया जाता है. गौमाता पूजन कार्यक्रम में सभी लोग परिवार सहित उपस्थित होकर पूजा अर्चना करते हैं. गोपाष्टमी की पूजा विधि पूर्वक विध्दान पंडितों द्वारा संपन्न की जाती है. बाद में सभी प्रसाद वितरण किया जाता है. सभी लोग गौ माता का पूजन कर उसके वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक महत्व को समझ गौ रक्षा व गौ संवर्धन का संकल्प करते हैं
शास्त्रों में गोपाष्टमी पर्व पर गायों की विशेष पूजा करने का विधान निर्मित किया गया है. इसलिए कार्तिक माह की शुक्लपक्ष कि अष्टमी तिथि को प्रात:काल गौओं को स्नान कराकर उन्हें सुसज्जित करके गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करना चाहिए. इसके पश्चात यदि संभव हो तो गायों के साथ कुछ दूर तक चलना चाहिए कहते हैं ऎसा करने से प्रगत्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं. गायों को भोजन कराना चाहिए तथा उनकी चरण को मस्तक पर लगाना चाहिए. ऐसा करने से सौभाग्य की वृध्दि होती है
गोपाष्टमी की पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा अनुसार बालक कृष्ण ने माँ यशोदा से गायों की सेवा करनी की इच्छा व्यक्त की कृष्ण कहते हैं कि माँ मुझे गाय चराने की अनुमति मिलनी चाहिए उनके कहने पर शांडिल्य ऋषि द्वारा अच्छा समय देखकर उन्हें भी गाय चराने ले जाने दिया जो समय निकाला गया वह गोपाष्टमी का शुभ दिन था बलक कृष्ण ने गायों की पूजा करते हैं, प्रदक्षिणा करते हुए साष्टांग प्रणाम करते हैं
गोपाष्टमी के अवसर पर गऊशालाओं व गाय पालकों के यहां जाकर गायों की पूजा अर्चना कि जाती है इसके लिए दीपक, गुड़, केला, लडडू, फूल माला, गंगाजल इत्यादि वस्तुओं से इनकी पूजा की जाती है. महिलाएं गऊओं से पहले श्री कृष्ण की पूजा कर गऊओं को तिलक लगाती हैं. गायों को हरा चारा, गुड़ इत्यादि खिलाया जाता है तथा सुख-समृद्धि की कामना कि जाती है
गोपाष्टमी पर श्री कृष्ण पूजन
गोपाष्टमी पर गऊओं की पूजा भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रिय है तथा इनमें सभी देवताओं का वास माना जाता है. कईं स्थानों पर गोपाष्टमी के अवसर पर गायों की उपस्थिति में प्रभातफेरी सत्संग संपन्न होते हैं. गोपाष्टमी पर्व के उपलक्ष्य में जगह-जगह अन्नकूट भंडारे का आयोजन किया जाता है. भंडारे में श्रद्धालुओं ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करते हैं. वहीं गोपाष्टमी पर्व की पूर्व संध्या पर शहर के कई मंदिरों में सत्संग-भजन का आयोजन भी किया जाता है. मंदिर में गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में रात्रि कीर्तन में श्रद्धालुओं ने भक्ति रचनाओं का रसपान करते हैं. इस मौके पर प्रवचन एवं भजन संध्या में उपस्थित श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.गो सेवा से जीवन धन्य हो जाता है तथा मनुष्य सदैव सुखी रहता है
गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ – रात्रि/प्रातः 04:22से (19/20नबम्वर 2023को)
गोपाष्टमी तिथि अंत – रात्रि 03:17तक (20/21 नवंबर 2023)
प्रसिद्धि ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरू रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250