आगरा के सिनर्जी प्लस हाॅस्पिटल में (जिसे गेस्ट्रो एंटोलाॅजिस्ट डाॅ समीर तनेजा, डाॅ दिनेश गर्ग और डाॅ संजय शर्मा ने खोला है) हेपेटाइटिस सी ( आम भाषा में काला पीलिया ) के इलाज के लिए टेबलेट सोवीहैव 400 एमजी लाॅच की गई। डाॅक्टरों का दावा है कि इस दवा को तीन से छह महीने तक देने पर हेपेटाइटिस सी सही हो जाएगी। इससे पहले इस बीमारी के लिए एक इंजेक्शन दिया जाता था, जिसे एक साल तक मरीज के लगाया जाता है । सोवीहैव दवा के छह महीने के कोर्स का खर्चा अमेरिका और यूरोप में 60 लाख है जबकि सिनर्जी प्लस हाॅस्पिटल में इलाज का खर्चा करीब एक लाख आएगा। यह एक साल पहले अमेरिका और यूरोप में लांच की गई थी, वहीं पांच दिन पहले भारत में लांच की गई है। आखिर दवा इतनी सस्ती क्यों है जबकि यह दवा कंपनी की पेटेंट दवा है, इसके लिए वह मुंह मांगी कीमत ले सकते हैं। इस सवाल के जवाब में इन तीनों डाॅक्टरों का कहना है कि अमेरिका और यूरोप के बाद भारत में दवा लांच की गई है। सस्ती दवा क्यों है यह तो कंपनी की पाॅलिसी है, मगर इस दवा के रिजल्ट कैसे हैं, इस पर डाॅक्टरों का कहना है कि अलग अलग मरीज के हिसाब से दवा के रिजल्ट होते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं इस दवा के अच्छे रिजल्ट न आने के बाद सस्ती दर पर भारत में तो लांच नहीं की गई है, जिससे जो दवा तैयार की गई है उसकी बिक्री की जा सके। सूत्रों के मुताबिक, इस दवा की बिक्री के लिए डाॅक्टरों को भी अच्छा कमीशन दिया जा रहा है।
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