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विवार को आईएमए भवन तोता का ताल पर हुई आम सभा में लंबे समय बाद आइएमए, आगरा के डॉक्टर एकजुट दिखाई दिए। सभा में आइएमए भवन डॉक्टरों से खचाखच भर गया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जिन 10 हॉस्पिटल और दो लैब के पंजीकरण निरस्त कर बिजली पानी काटने के निर्देश दिए गए हैं, उनके समर्थन में डॉक्टरों ने अपने हॉस्पिटल भी बंद करने के लिए कह दिया। डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया किया कुछ हॉस्पिटलों का बिजली पानी नहीं काटा जाएगा, यदि कार्रवाई हुई तो सभी 1200 हॉस्पिटलों पर करनी होगी। इस दौरान नियमों से आहत पीड़ित डॉक्टरों ने अपनी बात रखी, उन्हें ढाढस बंधाते हुए आइएमए के डॉक्टरों ने अपना समर्थन दिया। एक सुर में डॉक्टरों ने कहा कि अब यह आइएमए, आगरा की समस्या है। अध्यक्ष डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को डीएम से मुलाकात कर हॉस्पिटलों के बिजली पानी न काटने के लिए कहा जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव से हॉस्पिटलों पर की गई कार्रवाई पर पुनर्विचार की अपील की जाएगी। इस दौरान अध्यक्ष निर्वाचित डॉ. जेएन टंडन, डॉ. सुधीर धाकरे, डॉ. आरएन गोयल, डॉ. आमोद शंकर, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ अजय प्रकाश, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. आलोक मित्तल, डॉ. अभिलाषा प्रकाश, डॉ. अनूप दीक्षित आदि मौजूद रहे।
पहले होगी बात फिर होगी हड़ताल
आक्रोशित युवा डॉक्टरों ने सख्त नियमों के विरोध में हड़ताल पर जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा मारे जा रहे छापे, कार्रवाई न करने के लिए सौदेबाजी करने का विरोध किया जाएगा। इसके विरोध में बड़ा आदोलन किया जाएगा। इस पर वरिष्ठ चिकित्सकों ने स्पष्ट किया कि पहले डीएम से बात की जाएगी। इसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो हड़ताल की जाएगी।
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