India’s small scale industries are more capable than China#agranews
आगरालीक्स(31 July 2021 Agra News)…। आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भारत के लघु उद्योग चीन से भी ज्यादा सक्षम हैं। सरकारी एजेंसियां अपने अधिकारों का प्रयोग करती हैं, लेकिन कर्तव्य…।
अमल में लाने की सरकारी प्रक्रिया कमजोर
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल शनिवार को आगरा आए। उन्होंने ताज रोड स्थित होटल क्लार्क शिराज में मीडिया से बात की। कहा कि भारत के लघु उद्योग चीन से भी ज्यादा सक्षम हैं। शासन की तरफ से इनके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन नीतियों को अमल में लाने की जो सरकारी प्रक्रिया है, वह कमजोर है। सरकारी एजेंसियां अपने अधिकारों का प्रयोग करती हैं, लेकिन कर्तव्य भूल जाती हैं। यदि उनका सहयोग उद्योग हित में और राष्ट्र हित में होगा तो हमारी इंडस्ट्री चीन से भी ज्यादा दमदारी से विश्व के बाजारों में परचम लहराएगी।
उद्योग नहीं करते प्रदूषण
उन्होंने कहा कि उद्योग बिल्कुल प्रदूषण नहीं करते। यह बात लॉकडाउन के समय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के विवरण से साबित होती है। लेकिन हर बार उद्योग को ही बलि का बकरा बना दिया जाता है। जब तक सरकारी मशीनरी की मानसिकता नहीं बदलेगी, देश में औद्योगिक विकास की गति तेज नहीं हो पाएगी।
सरकार को दिया सुझाव
उन्होंने बताया कि आईआईए ने सरकार को मश्विरा दिया है कि उद्योगों के नियंत्रण में निजी क्षेत्र की एजेंसियां लाई जाएं। उनके लिए गाइडलाइन हो, फीस स्ट्रक्चर तय हो। हर कार्य के लिए तीन से चार एजेंसी हों, जिससे कि मोनोपॉली न हो। उन्होंने कहा कि यदि इकाई संचालक को कोई एजेंसी मानकों के अनुरूप फिटिंग कराने में मदद करेगी तो आग से होने वाले हादसे बचेंगे। भ्रष्टाचार थमेगा। मौजूदा समय में हालात ऐसे हैं कि उद्योग की गलतियां बताई जाती हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग उनको सही कराने में दिलचस्पी नहीं लेते।
ये रहे मौजूद
आईआईए के राष्ट्रीय सचिव अमर मित्तल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव बंसल, सुनील सिंघल, आगरा चैप्टर के अध्यक्ष अंशुल अग्रवाल, विवेक मित्तल, अशोक गोयल, राजीव अग्रवाल, प्रमोद कुमार अग्रवाल, अभिषेक जैन, अमित बंसल, राजेश गोयल, इंदर चंद जैन।
सरकार को सुझाव
आईआईए अध्यक्ष ने बताया कि संस्था ने सरकार को इंडस्ट्रियल लैंड बैंक विकसित करने को हरियाणा और गुजरात मॉडल पर काम करने का सुझाव दिया है। यहां एक्सप्रेसवे के किनारे सड़क से पांच किलोमीटर दूर एनओसी लैंड चिन्हित किए जाएं। इनमें उद्योग लगाने को प्रेरित किया जाए। फायदा उस गांव को भी मिलेगा।
सरकार से मांग
: बैंक लोन की औपचारिकताओं को कम किया जाए। ब्याज की दरों में भी कमी हो। लीज होल्ड के प्लॉटों में विभाजन, नए कार्य आदि के लिए औपचारिकताएं न्यूनतम हो। कोविड काल के समय के बिजली बिलों में वास्तिवक यूनिट उपयोग पर ही टैरिफ लिया जाए। कोविड काल के दौरान लॉकडाउन की अवधि के नगर निगम के टैक्स माफ किए जाएं। कोविड से बिगड़े हालात को सुधारने के लिए इंडस्ट्री को बड़ा आर्थिक पैकेज दिया जाए।
ईज ऑफ डूइंग कागजों तक सीमित न रहे, इसका फायदा उद्योगों को दिया जाए। किसी हादसे के समय इकाई संचालक के खिलाफ भीड़ के दबाव में एफआईआर न हो।