आगरालीक्स…(25 September 2021 Agra News) आगरा में जो मेट्रो चलेगी उसमें आगराइट्स को कई सुविधाएं मिलेंगी. ये भी जानिए एक ट्रेन में कितने यात्री कर सकेंगे सफर और क्या होगी मेट्रो की स्पीड
जल्द होगा आगरा मेट्रो के रंग का चयन
आगरा मेट्रो ट्रेनों का स्वरूप प्रोटोटाइप ट्रेन की तरह ही होगा, जल्द ही आगरा मेट्रो के रंग का चयन किया जाएगा. यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत की मुहिम के तहत आगरा- कानपुर मेट्रो की ट्रेनें पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ हैं और इन्हें निर्माता कंपनी मेसर्स ऐल्सटॉम इंडिया के सावली (गुजरात) प्लान्ट में तैयार किया जा रहा है. समय की बचत के लिए यूपीएमआरसी ने मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) और सिग्नलिंग सिस्टम का एकीकृत अनुबंध किया था ताक़ी ट्रेनों की डिलिवरी कम से कम समय में सुनिश्चित की जा सके. फलस्वरूप, कोविड-19 की विषय परिस्थितियों के बावजूद, ट्रेनों की मैनुफ़ैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट अवॉर्ड होने की तिथि से सिर्फ़ 14 महीने के भीतर पहली ट्रेन की डिलिवरी की जा रही है, जो अपने आप में एक उपलब्धि है.
आगरा मेट्रो में लोगों को मिलेगी ये सुविधाएं
इन ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा, जिसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45% तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा। वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्सन सिस्टम’ भी मौजूद होगा।
इन ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम होगा, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा और ऊर्जा की बचत करेगा।
ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए ये ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी।
आगरा मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी./घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी./घंटा तक होगी।
ट्रेन के पहले और आख़िरी कोच में दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी। व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं ताक़ी वे आराम से ट्रेन से उतर सकें।
ट्रेनों में फ़ायर एस्टिंग्यूशर (अग्निशमन यंत्र), स्मोक डिटेक्टर्स और सीसीटीवी कैमरे आदि भी लगें होंगे।
आगरा मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी, इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढाँचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा।
इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है।
हर ट्रेन में 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे, जिनका विडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्यॉरिटी रूम में पहुँचेगा।
हर ट्रेन में 56 यूएसबी (USB) चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे।
इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में 36 एलसीडी पैनल्स भी होंगे।
टॉक बैक बटन: इस बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकते हैं। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।
आगरा मेट्रो एक नजर
गौरतलब है कि ताजनगरी आगरा में 8379.62 करोड रुपयों की लागत से 29.4 कि.मी लंबे दो मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच बन रहे प्रथम कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं, जिसमें कि 6 ऐलिवेटिड व 7 भूमिगत स्टेशन हैं। वहीं, आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच बनने वाले दूसरे कॉरिडोर में 14 ऐलिवेटिड स्टेशन होंगे। फिलहाल, ताज ईस्ट गेट से जामा मस्जिद के बीच प्रयोरिटी कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेज गति के साथ किया जा रहा है। प्रयोरिटी कॉरिडोर में 3 ऐलिवेटिड व 3 भूमिगत स्टेशन है।