आगरालीक्स…. बांकेबिहारी मंदिर की घटना के बाद हरकत में प्रशासन, एडीजी पहुंचे वृंदावन. मंदिर में घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने को हो रहा मंथन. सेवायतों, पूर्व प्रबंध कमेटी के साथ एडीजी ने की चर्चा
विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान होने वाली मंगला आरती के दौरान हुए हादसे के बाद प्रशासन हरकत में है। शनिवार को एडीजी भी वृंदावन पहुंच गए। यहां उन्होंने मंदिर की पूर्व प्रबंध समिति और सेवायतों से बात की। आगे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इस पर पूरा ध्यान केन्द्रित किया गया है। मुख्यमंत्री ने भी घटना पर संज्ञान लिया है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी राजीव कृष्ण ने मीडिया से बात करते हुए कहाकि अभी सभी अधिकारियों, गोस्वामी, पूर्व प्रबंधन समिति के साथ चर्चा हुई है। इसमें यही निकल के आया है कि मंदिर का जो कोटयार्ड है उसकी निश्चित सीमा है। इसके अंदर श्रद्धालुओं को कैसे रेगुलेट किया जाए जिससे श्रद्धालु दर्शन भी कर सकें और इस तरह के हादसे न हों इस पर चर्चा हुई है। कल के हादसे में कई कारक एक साथ जुड गए। श्रद्धालुओं की ओर से देखा जाए तो सभी श्रद्धालु मंगला आरती में शामिल होना चाहते हैं। इससे दबाव बन जाता है। इन चीजों को और यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन को आसान बनाया जा सके और इस तरह की कोई घटना न हो। किसी पर कार्यवाही के सवाल पर उन्होंने कहकि इस पर कुछ अभी न्यायपूर्ण नहीं है। जांच निश्चित होगी जांच में कोई दोषी पाया जाता है तो कार्यवाही भी होगी। प्रथम दृष्टया व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने पर काम कर रहे हैं। सिस्टम को ठीक करने पर अभी सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं। कल वृंदावन में कम से कम आठ से दस लाख लोग होंगे।
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एडीजी ने हादसे पर जताया दुख
उत्तर प्रदेश के एडीजी राजीव कृष्ण ने बांकेबिहारी मंदिर में हुई घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहाकि कल रात जो हादसा हुआ वह बहुत दुखद है। अब तक कुल दो लोगों की मौत हुई है। दो हाॅस्पीटल में, दो डिस्चार्ज हो गए हैं। तीन का इलाज चल रहा है। कुल सात श्रद्धालु ऐसे थे जो इस घटना में प्रभावित हुए।
घटना के पीछे कई कारण
उत्तर प्रदेश के एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि अंदर की कोडियार्ड कुल 36 सौ स्क्वायर फिट का है। मंदिर में मंगला आरती वर्ष भर में सिर्फ एक दिन होती है। श्रद्धालु इस आरती में शामिल होना चाहते हैं। मंदिर में एक बार में अधिकतम लोगों के आने की सीमा निश्चित है। दो तीन चीजें एक साथ हो गईं। भीड तो थी ही, निकास द्वार पर एक श्रद्धालु दबाव के चलते वहीं बैठ गए। उनको वहां से हटाने में तीन चार मिनट का समय लग गया। ऐसी स्थिति में यह कभी महत्वपूर्ण समय होता है। इस वजह से गेट नम्बर चार कुछ देर के लिए ब्लाॅक हो गया। बाकी लोगों को भी इसके बाद इसी वजह से परेशानी हुई।
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