आगरालीक्स.. आगरा में भाजपा सांसद और विधायक पर दर्ज हुए मुकदमे में 28 साल बाद आया फैसला, मेयर नवीन जैन पर दर्ज हुए मुकदमे में 10 साल बाद आया निर्णय, जाने।
28 साल बाद आया निर्णय, भाजपा सांसद राजकुमार चाहर, वर्तमान विधायक योगेंद्र उपाध्याय बरी
दो जनवरी 1993 का है।तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री माधव राव सिंधिया ग्वालियर से दिल्ली जा रहे थे। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर भाजपाइयों ने उनका विरोध किया था।इस पर जीआरपी कैंट थाने में बलवा व रेलवे एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। एक मुकदमा उप स्टेशन अधीक्षक किरन सिंह प्रताप और दूसरा मुकदमा एसओ जीआरपी कैंट बिजेंद्र सिंह ने लिखाया था। वर्तमान भाजपा सांसद राजकुमार चाहर, वर्तमान विधायक योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व विधायक डाक्टर रामबाबू हरित, अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, सुशील शर्मा, योगेंद्र परिहार, शैलेंद्र गुलाटी, मुकेश गुप्ता आदि को नामजद किया गया था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए उमाकांत जिंदल ने संदेह का लाभ देते हुए सभी को बरी कर दिया।
10 साल चला केस, मेयर नवीन जैन सहित सात बरी
साल 2011 में विभिन्न मुद्दों और आम जनता की समस्याओं को लेकर तत्कालीन सरकार के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया था। इस प्रदर्शन के मामले में थाना नाई की मंडी में धारा 147 और 427 में मुकदमा दर्ज हुआ था। तभी से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। महापौर नवीन जैन के साथ इस मामले में शिवकुमार राजौरा, पिंकी सक्सेना, अखिलेश चौहान, अशोक लवानिया, जितेंद्र गोयल, जयदीप सोनकर भी शामिल थे। विशेष न्यायधीश उमाकांत जिंदल ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त गण नवीन जैन, शिवकुमार राजौरा, पिंकी सक्सेना, अखिलेश चौहान, अशोक लवानिया, जितेंद्र गोयल, जयदीप सोनकर को धारा 147, 427 के आरोपों से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया जाता है।