नगर के प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, ठाकुर राधाबल्लभ मंदिर, राधादामोदर मंदिर, राधाश्यामसुंदर मंदिर, राधारमण मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, राधासनेह बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर, कृष्ण-बलराम इस्कॉन मंदिर में सुबह से ही आराध्य के दर्शनों के लिए श्रद्धालु उमड़ने लगे।
ठाकुरजी के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। नगर के प्राचीन केशीघाट, चीरघाट, बिहारघाट, जुगलघाट आदि पर यमुना स्नान के लिए श्रद्धालु उत्साहित दिखे। परिक्रमा मार्ग में सुबह से ही श्रद्धालुओं की टोलियां परिक्रमा करते नजर आ रही थीं। शाम के समय मंदिरों में भव्य फूलबंगला और समाज गायन का आयोजन किया गया।
विकसित होगी वृंदावन की कुंज गलियां
मथुरा के वृंदावन के लिए विश्वबैंक की प्रो-पूअर डेवलपमेंट स्कीम में 80 करोड़ के कार्यों पर सैद्धांतिक सहमति बनी है। इसमें 40 करोड़ रुपये ठाकुर बांकेबिहारी की कुंज गलियों को सजाने में खर्च होंगे, बाकी 40 करोड़ से कान्हा उपवन क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
मंगलवार को विश्व बैंक की टीम के साथ मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण सभागार में डीएम राजेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें पर्यटन विभाग ने वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर से जुड़ने वाली 13 गलियों के विकास का प्रस्ताव दिया। इसे संशोधित करते हुए सभी 21 गलियों को एक रूप में सजाने के निर्देश दिए गए। साथ ही यहां पर्यटन और श्रद्धालुओं के लिए जनसुविधाएं बढ़ाने के प्रस्तावों पर भी सहमति बनी।
इसके अलावा विश्व बैंक की टीम के साथ वृंदावन में दो पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएंगे। यह पार्किंग कालीदह और दारुख में बनेंगी। इस पर करीब 40 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 40 करोड़ का खर्च वन क्षेेत्र के विकास पर होगा। अहिल्यागंज के आसपास वन क्षेत्र को नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा। फिलहाल यहां 25 एकड़ क्षेत्र को इसके लिए प्रस्तावित किया गया है। हालांकि, मथुरा-वृंदावन मार्ग पर वन क्षेत्र का दायरा करीब 300 एकड़ से ज्यादा है, जो यमुना किनारे स्थित है। इस क्षेत्र को पर्यटकों को मंदिर दर्शन समय के अलावा यहां कुछ वक्त ठहरने के उद्देश्य से तैयार किया जाएगा।
Leave a comment