28 फरवरी, 1944 को रवींद्र जैन का जन्म यूपी के अलीगढ़ में हुआ था। वे जन्म से ही देख नहीं पाते थे। उनके पिता पंडित इन्द्रमणि जैन संस्कृत के जाने-माने स्कॉलर और आयुर्वेदाचार्य थे।
रवींद्र जैन पिछले कई दिनों से यूरिन इन्फेक्शन से जूझ रहे थे। इसके बाद उन्हें किडनी में दिक्कत हो गई थी। उनका लीलावती अस्पताल में आईसीयू में इलाज चल रहा था। बीते रविवार को वे नागपुर में थे, लेकिन बीमारी की वजह से वहां होने वाले कंसर्ट में हिस्सा नहीं ले पाए। नागपुर के वोकहार्ट हॉस्पिटल से चार्टर्ड प्लेन के जरिए उन्हें लीलावती अस्पताल लाया गया था।
राम तेरी गंगा मैली ने दिलाई पहचान
रवींद्र जैन बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर्स में शुमार रहे हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1970 में की थी। ‘चोर मचाए शोर’ (1974), ‘गीत गाता चल’ (1975), ‘चितचोर’ (1976) और ‘अंखियों के झरोखों में’ (1978) जैसी हिट फिल्मों का संगीत दिया। सीरियल ‘रामायण’, ‘श्रीकृष्णा’, ‘लव कुश’, ‘जय गंगा मैया’, ‘साईँ बाबा’ और ‘धरती का वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान’ सहित कई पॉपुलर शोज में म्यूजिक और आवाज दी। जैन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘सौदागर’ से की थी। उन्हें बड़ा ब्रेक राज कपूर ने 1985 में फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में दिया था। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। इसके बाद ‘दो जासूस’ और ‘हीना’ के लिए भी उन्होंने म्यूजिक दिया। राजश्री प्रोडक्शन की ‘नदिया के पार’, ‘विवाह’ और ‘एक विवाह ऐसा भी’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में भी उन्होंने म्यूजिक दिया था।
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