आगरालीक्स….डीईआई में महाभारत का पुत्र मोह और आइंस्टीन और रवींद्र नाथ टैगोर के बीच आध्यात्मिक ज्ञान एवं चिंतन. हाऊ टू गैट अवे विद मर्डर एवं द इल्यूमिनेटेड नाइट का भी हुआ मंचन.
छह नाटकों की हुई प्रस्तुतियां
दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (डीईआई) डीम्ड यूनिवर्सिटी में बुधवार से तीन दिवसीय वार्षिक नाट्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ। फैस्टीवल के पहले दिन इंस्टीट्यूट के कला, वाणिज्य, शिक्षा, सोशल साइंस, साइंस और इंजीनियरिंग संकायों के विद्यार्थियों द्वारा कुल छह नाट्य प्रस्तुतियां दी गईं, इनमें तीन नाटक हिंदी भाषा में, दो अंग्रेजी में और एक संस्कृत भाषा में थे। इंस्टीट्यूट के कन्वोकेशन हॉल में आयोजित पहले दिन हुए नाट्य महोत्सव में निर्णायक के रूप में रंगमंच के हस्ताक्षर यश उप्रैती, आगरा कॉलेज के अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर प्रियम अंकित और संस्कृतविद् दुर्गा प्रसाद राय की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
महाभारत प्रसंग पुत्र मोह भी हुआ
नाट्य महोत्सव के आरंभ में प्रख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन और कवि रवींद्र नाथ टैगोर के मध्य आध्यात्मिक ज्ञान एवं चिंतन का सराहनीय मंचन किया गया। अंग्रेजी नाटकों में सोशल साइंस संकाय द्वारा ‘हाऊ टू गैट अवे विद मर्डर’ एवं अंग्रेजी विभाग द्वारा ‘द इल्यूमिनेटेड नाइट’, हिंदी नाटकों में कला संकाय द्वारा आपसी संदेह व अविश्वास को दूर करने की प्रेरणा देने वाला नाटक ‘दो और दो चार’, शिक्षा संकाय द्वारा महाभारत प्रसंग से जुड़ा नाटक ‘पुत्र मोह’ एवं विज्ञान संकाय द्वारा मां-बेटे के मध्य स्नेहपूर्ण संबंधों पर आधारित ‘मां-एक फरिश्ता’ का मंचन किया गया। वहीं संस्कृत नाटक में कॉमर्स संकाय द्वारा पतित पावनी गंगा के अवतरण पर आधारित नाटक ‘गंगावतरणम्’ का सफलतापूर्वक एवं प्रभावी मंचन किया गया। डीईआई के वार्षिक नाट्य महोत्सव के सफल संचालन में कला, वाणिज्य, शिक्षा, कॉमर्स और इंजीनियरिंग संकाय से जुड़े शिक्षक, स्टाफ और विद्यार्थियों का सहयोग रहा।