Navratra 2020 : worship of Shailputri
आगरालीक्स.. माता दुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री है मां की आराधना, आस्था के नौ दिन सेहत का ध्यान रखा जाना भी बेहद आवश्यक है। मां दुर्गा के नौ रूपों में नौ औषधियों का भी वास होता है। व्रत के दौरान आप दवा से परहेज करते हैं तो इन औषधियों का प्रयोग किया जा सकता है। नवरात्र के प्रत्येक दिन आगरालीक्स में दुर्गा औषधि कवच, आगरा के प्रमुख देवी मंदिर समेत विविध जानकारियां आपको रोजाना मिलेंगी, जो नवरात्र के बाद भी आपके लिए उपयोगी साबित होंगी।
प्रथम शैलपुत्री-माता दुर्गा के प्रथम रूप को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। यह नवदुर्गाओँ में में प्रथम दुर्गा हैं। प्रथम दिन मां के इस स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी रानी का यह नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा है। हिमालय हमारी शक्ति, दृढ़ता और स्थिरता का प्रतीक है। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। यह प्रकृति का स्वरूप भी है। महिलाओं के लिए इनकी पूजा करना श्रेष्ठ और मंगलकारी है। मां शैलपुत्री दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प लिए अपने वाहन वृषभ पर विराजमान होती हैं।
औषधि कवच-
हरड़ औषधि को मां शैलपुत्री का रूप है। आयुर्वेद की प्रमुख औषधि है, जो सात प्रकार की होती है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल गैस्ट्रिक समस्याओ, एंटी-टॉक्सिन, कंजक्टीवाइटिस, पुराने बुखार, साइनस हिस्टीरिया के इलाज में इसका प्रयोग किया जाता है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- सूर्योदय से सुबह 9.45 तक, अभिजित मुहूर्त- 10.30 बजे से 12.20 तक। शेष दिन में किसी भी समय घट स्थापना की जा सकती है।
पूजा के समय मां का भोग- गाय के दूध से बने पकवान, मीठा पान, एक अनार का फल। घी के भोग लगाएं और उसका दान करना शामिल है। इनके पूजन से कष्टों से छुटकारा मिलता है।
आगरा के प्रमुख देवी मंदिर- आगरा में माता रानी के कई प्रमुख और प्राचीन मंदिर हैं। इनमें प्रमुख रूप से पथवारी बेलनगंज, नवदुर्गा मंदिर यमुना किनारा हाथी घाट, न्यू राजा की राजामंडी स्थित चामुंडा मंदिर, नूरी दरवाजा कालीबाड़ी स्थित महाकाली मंदिर, अशोक नगर स्थित देवी, मंदिर, ढाकरान चौराहा स्थित देवी मंदिर, नागरिणी प्रचारिणी स्थित देवी मंदिर, बल्केश्वर स्थित महादेव मंदिर के समीप प्राचीन माता का मंदिर, शक्ति सुशील मंदिर, इंद्रपुरी स्थित देवी मंदिर समेत अन्य कई प्रमुख देवी मंदिर हैं, जहां माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है।