News @ 1 pm on 24 April-2022
नईदिल्लीलीक्स… हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तार सांसद राणा कोर्ट में पेश। दलित को मंदिर में प्रवेश करने से रोका। साथ में प्रमुख खबरें।
सांसद और विधायक बांद्रा कोर्ट में लाए गए
महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा औऱ उनके विधायक पति रवि राणा को बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया है, उनके खिलाफ अपने बयानों में धर्म, जाति के आधार पर वैमनस्यता फैलाने का आऱोप है।
कोर्ट ने उन्हें छह मई तक जेल भेजने का आदेश किया है। उल्लेखनीय है कि निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। लेकिन शिवसैनिकों ने उन्हें घऱ से नहीं निकलने दिया था। बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पेशी से पहले नवनीत राणा पर एक और एफआईआर दर्ज की गई है।
दलित दूल्हा-दुल्हन मंदिर दर्शन करने आए थे, मुकदमा
राजस्थान के जालौर के नीलकंठ महादेव मंदिर में दर्शन के लिए गए दलित दूल्हा-दुल्हन को प्रवेश नहीं करने दिया गया। दूल्हे के परिजनों और पुजारी के बीच गाली-गलौच हो गई। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है। पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट पर दलित उत्पीड़न में मामला दर्ज कर लिया है। रिपोर्ट एसपी के आदेश पर दर्ज की गई है।
बारिश से पहले हो नालों की सफाईः सीएम
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि बरसात से पहले नालों की सफाई के सभी कार्य हर हाल में पूर्ण कर लिए जाएं। जलभराव से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि रामगढ़ताल-तरकुलानी रेग्युलेटर की ड्रेजग कराई जाए, जिससे शहर का पानी रामगढ़ताल के रास्ते आसानी से निकल जाए।
कांग्रेस में प्रशांत किशोर की एंट्री से दिखेगा बदलाव कांग्रेस के राजनीतिक पुनरुद्धार के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी में एंट्री के अब पूरे आसार हैं और इसे देखते हुए ही संगठन के ढांचे में हर स्तर पर बदलाव की चर्चाएं होने लगी है। पार्टी के तेवर और कलेवर बदलने के लिए जहां एआइसीसी में कुछ अहम परिवर्तन को अपरिहार्य माना जा रहा वहीं राज्यों में कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में भी इसका असर होगा। विशेषकर उन राज्यों के संगठनात्मक ढांचे में इस बदलाव का ज्यादा प्रभाव दिखेगा जहां अगले लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं,गुजरात, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में बदलाव को लेकर तेजी से कदम बढ़ाया जा सकता है ताकि इन राज्यों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को बल दिया जा सके।