फतेहाबाद के एबीआरसी उत्तम सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सहायक अध्यापक भूप सिंह से विकलांग कोटे के बिल क्लियर करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने रिश्वत देने से इन्कार किया तो एबीआरसी उत्तम सिंह ने बिल क्लियर नहीं किए, इस पर उन्होंने एंटी करन्प्शन टीम को शिकायत कर दी। सोमवार को एंटी करप्शन टीम ने सहायक अध्यापक भूप सिंह को पांच हजार रुपये लेकर भेजा, उन्होंने एबीआरसी उत्तम सिंह को जैसे ही रुपये दिए, टीम ने उन्हें पकड लिया।
कई बार बिल पास करने के लिए कहा
एबीआरसी उत्तम सिंह पर बिल बनाने का कार्य था। सहायक अध्यापकों के रेगुलर बिल बनाने के साथ ही वेतन वृद्धि, ऐरियर का काम भी उन्हीं के द्वारा देखा जा रहा था। सहायक अध्यापक भूप सिंह का भी बिल क्लीयर नहीं हो पा रहा था। बार बार आग्रह करने के बाद भी एबीआरसी द्वारा काम नहीं किया जा रहा था। मांग थी, कि पांच हजार रिश्वत के मिलने के बाद ही उनकी कलम चलेगी। इससे परेशान होकर भूप सिंह ने एंटी करप्शन की शरण ली।
आपसी विवाद भी है दोनों में
एबीआरसी उत्तम सिंह को एक सप्ताह पूर्व ही एबीएसए आलोक श्रीवास्वत ने बिल बनाने की जिम्मेदारी दी है। उत्तम सिंह और भूप सिंह दोनों ही सहायक अध्यापक पद पर हैं। भूप सिंह भी एबीआरसी हैं। इसे लेकर आपस में विवाद चल रहा था।
भ्रष्ट शिक्षा विभाग में पकडे गए कई भ्रष्टाचारी
शिक्षा विभाग में कदम कदम पर भ्रष्टाचार है। यहां तक कि रिटायर होने के बाद भी पैसे लेकर पेंशन और फंड जारी किया जाता है। इन मामलों में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी रिश्वत लेते हुए पकडे जा चुके हैं। इसके बाद भी रिश्वत लेने वाले अधिकारी और कर्मचारी बेखौफ हैं, वे रिटायर शिक्षकों से भी पैसे की वसूली कर रहे हैं और उन्हें चक्कर लगवा रहे हैं।
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