Election Agra : BJP Candidate Rajkumar Chahar, Congress candidate Ramnath
Old Raja Mandi station no longer has name-o-mark, Dharamshala ruined, shops are over
आगरालीक्स… आगरा के पुराने राजामंडी स्टेशन का अब नमो-निशान नहीं है। धर्मशाला खंडहर हो गई है। दुकाने खत्म हो गई हैं। एक होटल जरूर है। देखें फोटो भी।
पुराना स्टेशन फाटक से पहले हो जाता था खत्म
राजा की मंडी रेलवे स्टेशन मां चामुंडा मंदिर को हटाए जाने को लेकर सुर्खियों में आया हुआ है। नया रेलवे स्टेशन मात्र 66 साल पुराना है। इससे पहले पुराना रेलवे स्टेशन राजा मंडी रेलवे फाटक से पहले था। इसका एक गेट महाराष्ट्र मंडल होटल के सामने था और दूसरा गेट लोहामंडी की साइड में धर्मशाला के सामने था।
पुराने स्टेशन की दोनों साइडों पर झाड़िया और कूडा
स्टेशन बंद होने के बाद सन् 80 के दशक तक पुराने स्टेशन की बाउंड्री टूटी होने पर लोग पटरी क्रॉस कर जाया करते लेकिन अब दोनों तरफ पक्की दीवार खड़ी कर दी गई हैं। पुराने स्टेशन के स्थान पर अब कोई चिह्न मौजूद नहीं है। प्लेटफार्म की जितनी जगह है, उस तरफ दोनों ओर झाड़ियां उगी हुई हैं, जहां आसपास का कूड़ा पड़ा रहता है।
महाराष्ट्र मंडल होटल अभी भी चल रहा
महाराष्ट्र मंडल होटल की ओर से पुराने स्टेशन तक आने का रास्ता राजामंडी रंगरेजान गली के सामने गली से होकर आता है। महाराष्ट्र मंडल होटल अभी भी बदस्तूर चल रहा है, जहां यात्री आकर ठहरते हैं।
जनहित में समान रूप से उठाए जाएं कदमः करतार सिंह यादव
आगरा के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध गीतकार एवं गायक गोकुलपुरा अहीरपाड़ा निवासी करतार सिंह यादव राजा की मंडी के मां चामुंडा मंदिर हटाने के विवाद को लेकर कहते हैं कि पीएम मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास पर अमल करते हैं।
शासन-प्रशासन द्वारा जनहित में कोई कदम उठाया जाता है तो उसको समान रूप से उठाया जाना चाहिए। प्लेटफार्म से मंदिर हटे तो सड़क के बीच से मजार भी हटनी चाहिए। हालांकि उनका कहना था कि यह मंदिर नया स्टेशन बनने से पहले का यहां पर था।
खाने के होटल ढाबे अब देहली गेट पर आए
उन्होंने पुराने राजा की मंडी रेलवे स्टेशन की दुकानों के बारे में बताया कि लोहामंडी की साइड में दो होटल खाने के हुआ करते थे, जिसमें एक ढक्कन लाल यादव का और दूसरा डालचंद्र यादव का हुआ करता है। स्टेशन खत्म होने के बाद दोनों होटल सन 70 के दशक से देहली गेट पर आ गए हैं और उनके परिवार की तीसरी पीढ़ियां इन्हें संचालित कर रही है।
सवारियों के लिए स्टेशन से चलते थे इक्के
पुराने राजा की मंडी स्टेशन के दोनों ओर तांगा स्टैंड हुआ करते थे, जहां से शहर भर में जाने के लिए इक्के चलते थे। लेकिन अब यहां कुछ भी नहीं है।
अगले अंक में ( शुरू में गुलजार रहा था नया स्टेशन, सुधार के बाद भी बेरौनक)