Parents living with 35 Year old Income Tax Officer from last 18 months, Full detail
कानपुरलीक्स… यह खबर रुला देगी। युवा आयकर अधिकारी की कोरोना से डेढ़ साल पहले मौत हो गई, लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हुए, जिंदा समझ, दिन रात सेवा की, इन्फेक्शन नहीं होने दिया, ऐसे खुला मामला।
कानपुर के रावतपुर निवासी 35 साल के विमलेश गौतम आयकर विभाग में हैदराबाद में एओ के पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी कानपुर के मिताली दीक्षित किदवई नगर में कोआपरेटिव बैंक में डिप्टी मैनेजर हैं, उनका पांच साल का बेटा और डेढ़ साल की बेटी है। कानपुर के रावतपुर में विमलेश गौतम के तीन मंजिला मकान में विमलेश गौतम अपने परिवार के साथ ही पिता राम औतार गौतम, मां दुलारी गौतम के अलवा भाई संनील गौतम और दिनेश गौतम के साथ रह रहे थे।
22 अप्रैल 2021 को हुई मौत
विमलेश गौतम हैदराबाद में आयकर विभाग में तैनात थे, उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते निमोनिया की समस्या हो गई। वे छुटटी लेकर कानपुर आ गए, यहां दो अस्पतालों में इलाज चला और 22 अप्रैल 2021 को म्रत घोषित कर दिया गया। कोविड प्रोटोकाल का पालन किए बिना ही परिजनों को शव दे दिया गया। वे शव को अपने घर ले गए, माता पिता को बताया कि विमलेश की मौत हो गई है वे मानने को तैयार नहीं हुए।
आक्सीजन लगाई, दिन रात सेवा की
उन्होंने विमलेश को म्रत नहीं माना, उसे जिंदा मानते हुए कुछ दिन तक आक्सीजन लगवाई। शरीर की हर रोज सफाई की, इस तरह डेढ़ साल में शव ममीफाइड हो गया, मांसपेशियां सूख गई, मुंह से दांत बाहर आ गए, कंकाल में शव तब्दील होने लगा।
इस तरह खुला मामला
डेढ़ साल से डयूटी पर न आने पर आयकर विभाग ने घर पत्र भेजा। विमलेश की पत्नी मिताली ने विमलेश की तबीयत खराब होने पर डॉक्टर द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट न बनाने की बात लिखी। आयकर विभाग ने सीएमओ कानपुर को पत्र लिखा, उन्होंने टीम को विमलेश के घर भेजा। टीम विमलेश को देख सकते में आ गई।
ईसीजी करने के बाद हुआ भरोसा
डॉक्टरों की टीम ने विमलेश को म्रत बता दिया लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद टीम ने ईसीजी किया, ईसीजी करने के बाद उन्हें भरोसा हुआ। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार करा दिया गया।
इस तरह सुरक्षित रखा जाता है शव
मेडिकल कालेजों में मेडिकल छात्रों के अध्ययन के लिए शव को सुरक्षित रखने के लिए फार्मिलीन और एल्कोहल का लेप लगाया जाता है। इसी तरह से मिश्र में ममी को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के लैप किए जाते थे।