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Plate boundaries causes earthquakes

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‘टैकटोनिक प्लेट्स’ के हिलने से आता है भूकम्प
अचानक से धरती के अंदर ऊर्जा उत्पन होती है, इससे साइ​जमिक वेव भूकंपीय तरंगे निकलती है, यही भूकंप होता है। भूकंप आने के तमाम कारण हो सकते हैं।
हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ कहा जाता है। वैसे तो ये ‘टैकटोनिक प्लेट्स’ अपनी जगह से हिलती रहती हैं लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है।
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र ( एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है।

कुछ ऐसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन 1935 में कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था। इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुणा बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है वह प्रति स्केल 32 गुणा बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुणा बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।

ऐसे लगाया जाता है तीव्रता का अनुमान
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र ( एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैंकड़ो किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है। पिछले दिनों जापान के नजदीक समुद्र में आए भूकंप से उठी सुनामी ने भयानक तबाही मचाई थी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

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