Poets narrated the saga of patriotism#agranews
आगरालीक्स(05th September 2021 Agra News )…दिव्य भारत भूमि का गुणगान होना चाहिए, भव्य भारत देश पर अभिमान होना चाहिए… चेतना के स्वर में गूंजी देशभक्ति की रसधारा.
सेंट मैरी स्कूल में हुआ आयोजन
स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव की कड़ी में संस्कार भारती ताजगंज समिति द्वारा रविवार को ताजगंज स्थित सेंट मैरी स्कूल में चेतना के स्वर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। समारोह में एक ओर कवियों ने देश भक्ति की रस धारा बहाई, वहीं क्रांतिकारी भूपाल सिंह कोठिया के बलिदान का भावपूर्ण स्मरण भी किया गया। यही नहीं, शिक्षक दिवस के संजोग पर हिंदी शिक्षक और साहित्यकार के रूप में 50 वर्ष से अधिक की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए वरिष्ठ कवि राज बहादुर सिंह ‘राज’ का अभिनंदन किया गया।
कवियों का किया स्वागत
संस्कार भारती के प्रांतीय संरक्षक हरिमोहन सिंह कोठिया ने समारोह का संचालन किया। राम मोहन कोठिया ने स्वतंत्रता सेनानी भूपाल सिंह कोठिया का परिचय पढ़कर सुनाया। स्वागताध्यक्ष अजीज सिद्दीकी, कार्यक्रम संयोजक ताहिर सिद्दीकी, संस्कार भारती ताजगंज समिति की अध्यक्ष ऋतु अग्रवाल, राम पेरवाल, संजीव वशिष्ठ, जीनत सिद्धकी, ललित कोठिया और डॉ. दिलीप सिन्हा ने कवियों का स्वागत किया।
वतन को किया नमन..
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मधु भारद्वाज ने अपने वतन को यूँ नमन किया- ” ऐ मेरे प्यारे वतन, तुझको है मेरा नमन। शहीदों के लहू से पाया है, ये चमन और ये अमन..”। आगरा आकाशवाणी के कार्यक्रम प्रमुख नीरज जैन ने हिंदुस्तान के टुकड़े करने वालों को आड़े हाथों लिया- “अखण्ड हिन्द को ही खण्ड कर रहे हैं दुष्ट। जो तू ऐसे आतताइयों को वार दे मां भारती। देश की जो आन-बान -शान से हैं खेल रहे। नीच पापियों को तू संहार दे माँ भारती। खल कामियों से भी जो कर सकें दो-दो हाथ। देश को तू ऐसे अवतार दे माँ भारती। पाप, व्यभिचार, अनाचार का निवारण हो। देश की जवानी को तू धार दे माँ भारती..”।
भव्य भारत देश पर अभिमान होना चाहिए..
वरिष्ठ कवि परमानंद शर्मा ने पुण्य भूमि भारत का यशोगान किया- ” दिव्य भारत भूमि का गुणगान होना चाहिए। भव्य भारत देश पर अभिमान होना चाहिए..”। डॉ. रामवीर शर्मा ‘रवि’ ने लोक भाषा की व्यंग्यात्मक शैली से चंदा खोरों पर कटाक्ष किया-” बात बनामें चिकनी चुपरी, कामु करें नहीं धेला कौ। जनता की सेवा के भानें, चंदा खाइ गये मेला कौ..”। कामेश सनसनी ने भारतवासियों को एकजुटता का संदेश दिया- “आंच जब देश पर आये,तो सब एक हो जाओ। भले अनेक होते हैं, हरेक मजबूत होता है..”।