Tuesday , 4 February 2025
Home अध्यात्म Raksha Bandhan 2024: Tie Raksha Sutra in Vedic tradition. These five things are required. Know its importance in the scriptures
अध्यात्म

Raksha Bandhan 2024: Tie Raksha Sutra in Vedic tradition. These five things are required. Know its importance in the scriptures

आगरालीक्स…इस रक्षाबंधन पर भाई को वैदिक रीति से बांधे रक्षा सूत्र. इन पांच चीजों की होती है आवश्यकता. जानिए शास्त्रों में इसका महत्व (Rakshi 2024)

वैदिक रक्षा-सूत्र ( रक्षाबंधन)वैदिक रक्षाबंधन – प्रतिवर्ष श्रावणी-पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार होता है. इस बार सोमवार 19 अगस्त 2024 के दिन है। इस दिन बहनें अपने भाई को रक्षा-सूत्र बांधती हैं। यह रक्षा सूत्र यदि वैदिक रीति से बनाई जाए तो शास्त्रों में उसका बड़ा महत्व है. (Raksha Bandhan 2024)

वैदिक रक्षा सूत्र बनाने की विधि
इसके लिए 5 वस्तुओं की आवश्यकता होती है –
(1) दूर्वा (घास) (2) अक्षत (चावल) (3) केसर (4) चन्दन (5) सरसों के दाने।
महाभारत में यह रक्षा सूत्र माता कुंती ने अपने पोते अभिमन्यु को बाँधी थी। जब तक यह धागा अभिमन्यु के हाथ में था तब तक उसकी रक्षा हुई, धागा टूटने पर अभिमन्यु की मृत्यु हुई। इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं हम पुत्र-पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्ष भर सुखी रहते हैं.. शुभ और मंगलदायक होती है इन 5 चीजों से बनी राखी, जानिए वैदिक राखी बनाने की विधि (Agra News)

रक्षा बंधन का पर्व वैदिक विधि से मनाना श्रेष्ठ माना गया है। इस विधि से मनाने पर भाई का जीवन सुखमय और शुभ बनता है। शास्त्रानुसार इसके लिए पांच वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जिनसे रक्षासूत्र का निर्माण किया जाता है। इनमें दूर्वा (घास), अक्षत (चावल), केसर, चन्दन और सरसों के दाने शामिल हैं। इन 5 वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावे में पिरो दें। इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी। (Raksha Bandhan in Agra)

पांच वस्तुओं का महत्त्व
दूर्वा (घास)-जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेजी से फैलता है और हजारों की संख्या में उग जाता है। उसी प्रकार रक्षा बंधन पर भी कामना की जाती है कि भाई का वंश और उसमें सदगुणों का विकास तेजी से हो। सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बढ़ती जाए। दूर्वा विघ्नहर्ता गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बांध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए।
अक्षत (चावल) – हमारी परस्पर एक दूजे के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे।
केसर – केसर की प्रकृति तेज होती है अर्थात हम जिसे राखी बांध रहे हैं, वह तेजस्वी हो। उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो
चन्दन – चन्दन की प्रकृति शीतल होती है और यह सुगंध देता है। उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो। साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे
सरसों के दाने – सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें। सरसो के दाने भाई की नजर उतारने और बुरी नजर से भाई को बचाने के लिए भी प्रयोग में लाए जाते हैं

इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें। इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमानुसार बांधते हैं, वह पुत्र- पौत्र एवं बंधुजनों सहित वर्षभर सुखी रहते हैं

राखी मंत्र
राखी को सर्वप्रथम भगवान के चित्र पर अर्पित करें। फिर बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधें। राखी बांधते समय बहन अवश्य बोलें यह मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वां अभिबद्धनामि रक्षे मा चल मा चल

शिष्य गुरु को रक्षासूत्र बांधते समय यह मंत्र बोलें
अभिबद्धनामि‘ के स्थान पर ‘रक्षबद्धनामि कहे
रक्षासूत्र बांधते समय मिठाई या गुड़ से मुंह मीठा कराना ही उत्तम रहता है

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य परम पूज्य गुरुदेव पंडित हृदय रंजन शर्मा अध्यक्ष श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान गुरु रत्न भंडार पुरानी कोतवाली सराफा बाजार अलीगढ़ यूपी व्हाट्सएप नंबर-9756402981,7500048250

Related Articles

अध्यात्म

Basant Panchami 2025: Know the right time for Basant Panchami Tithi.

आगरालीक्स…बसंत पंचमी 2 फरवरी की या 3 फरवरी की..जानें पंचमी तिथि लगने...

अध्यात्म

Sakat Chaturthi 2025: Women observe fast for the success of their son

आगरालीक्स…सकट चतुर्थी 17 जनवरी को. सुबह 4 बजे से लग जाएगी चतुर्थी...

अध्यात्म

Sakat means Sankashti Chaturthi on 17th January. Lord Ganesha is worshipped. Know its importance

आगरालीक्स… सकट यानी संकष्टी चतुर्थी 17 जनवरी को. भगवान गणेश की होती...

अध्यात्म

Makar Sankranti 2025: According to all the zodiac signs, know which thing donating…#agranews

आगरालीक्स…मकर संक्रांति पर सभी राशियों के अनुसार जानें सूर्यदेव की पूजा कर...