आगरालीक्स..(6 October 2021 Agra News) इस महीने नवरात्र, करवाचौथ से लेकर दिवाली जैसे त्योहार हैं. महंगाई इतनी है कि घर का बजट पूरा करने के लिए अन्य जरूरी काम टाले जा रहे हैं. जानें क्या कहते हैं लोग
सबसे बड़ा फेस्टिवल सीजन हो रहा शुरू
कल से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं. शारदीय नवरात्रों की शुरुआत से ही बाजारों में खरीदारों की चहलकदमी शुरू हो जाती है. लोग बाजारों की ओर रुख करने लगते हैं. दरअसल, देखा जाए तो शारदीय नवरात्रों से ही साल का सबसे बड़ा फेस्टिवल सीजन शुरू हो जाता है. एक महीने तक रहने वाले इस सीजन में नवरात्रों के बाद करवाचौथ, अहोई अष्टमी, धनतेरस और दिवाली जैसे बड़े त्योहार हैं. यही एक महीना ऐसा है जिसमें किसी को घर का निर्माण कराना होता है तो किसी को घर की मरम्मत. लगभग हर घर में इसी माह में रंगाई पुताई भी होती है. इस एक माह में वाहनों की खरीदारी भी जमकर की जाती है.
महंगाई ने बिगाड़ा बजट
लोगों के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या है महंगाई. पेट्रोल डीजल से लेकर रसोई गैस और खाद्य पदार्थों के दाम इस समय सबसे अधिक हैं. पेट्रोल जहां सौ रुपये प्रति लीटर हो गया है तो वहीं रसोई गैस के दाम भी एक हजार रुपये प्रति सिलेंडर के करीब ही हैं. यही नहीं तेल और रिफाइंड के दाम 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने वाले हैं. त्योहारों पर मीठा न हो तो अच्छा नहीं लगता लेकिन इस समय चीनी के दाम 42 रुपये प्रति किलो हैं जो कि कुछ दिन पहले तक 36 से 38 रुपये तक थे. थोक विक्रेताओं का कहना है कि चीनी के दाम तीन रुपये प्रति किलो अभी और बढ़ सकते हैं. ऐसे में अगर देखा जाए तो महंगाई ने लोगों का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि घर का बजट निकालें या अन्य जरूरी कामों को पूरा किया जाए.
जानिए क्या कहते हैं लोग
न्यू आगरा के रहने वाले सूर्यप्रताप का कहना है कि हर साल हम लोग घर की रंगाई—पुताई कराते हैं. लेकिन इस बाद बजट पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है. महंगाई को इसकी वजह समझें या कुछ और लेकिन इस बार हमने घर की रंगाई पुताई का काम टाल दिया है.
आगरा में दयालबाग के रहने वाले जितेंद्र कुमार का कहना है कि महंगाई इस समय बहुत है. हर चीज पर तो रोजाना दाम बढ़ रहे हैं. घर में इस बार मरम्मत का काम कराने की सोच रहा था लेकिन मुश्किल है. घर का बजट पहले देखना है इसके बाद कुछ और.
लॉयर्स कॉलोनी की रहने वाली नेहा का कहना है कि रसोई गैस के दाम 1000 रुपये प्रति सिलेंडर के करीब हैं. इस पर भी गैस पूरी नहीं होती. समझ में नहीं आ रहा है कि इस बार कैसे सबकुछ मैनेज होगा. बहुत खर्चा होने वाला है.
सदर के रहने वाले आशीष का कहना है कि पहली बार अपनी बचत में से घर का खर्चा पूरा किया जा रहा है. बच्चों के लिए नये कपड़े खरीदने हैं. अपने लिए तो बाद में देखी जाएगी. पैसे बचेंगे तो ही देखा जाएगा.
बोदला की रहने वाली मालती सिंह का कहना है कि हम लोग मध्यमवर्गीय हैं. पति को जितनी सेलरी मिलती है उससे घर का खर्चा ही पूरा हो पाता है. इस बार दिवाली पर जितना भी खर्चा होगा वो अपनी पुरानी बचत से ही पूरा करना होगा. महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है.