आगरालीक्स आगरा में यूपीपीएससी के बर्खास्त चेयरमैन अनिल यादव की कोठी के सामने से रास्ता बंद करने के लिए लगाए बैरियर के साथ कोठी के बाहर लगा टीन शेड भी हटाया। इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्हें बैरियर लगे होने की जानकारी नहीं थी, मीडिया के माध्यम से जानकारी हुई तो मंगलवार सुबह ही बैरियर हटा कर रास्ता साफ कर दिया गया, पूर्व चेयरमैन की कोठी के बाहर रखे टीन शेड को भी हटा दिया गया।
यूपीपीएसएसी के पूर्व चेयरमैन अनिल यादव की कमला नगर ई ब्लॉक में कोठी नंबर ई-399 कोठी है, वे सपा सरकार में यूपीपीएससी के चेयरमैन बने थे, हाईकोर्ट ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। सपा सरकार के समय में पांच साल पहले कोठी के दोनों ओर बैरियर लगाकर रोड रोक दिया था। यही नहीं, पुलिस कर्मियों की डयूटी भी यहां लगाई गई थी। बैरियर लगने से कॉलोनी के लोगों को परेशानी हुई तो पहले आवाज उठाई, अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुना। अनिल के गुर्गे और भी आगे निकल गए। उन्होंने कई बार रोड से गुजरने वाली शोक यात्राओं तक को रोक दिया। अनिल का पद छिना और अब सपा सरकार भी चली गई। इसके बाद पुलिस गारद तो हट गई है, लेकिन सड़क से बैरियन नहीं हटे हैं।
हिस्ट्रीशीट से लेकर मुकदमे हैं दर्ज
अनिल यादव के खिलाफ चौथ वसूली और डकैती जैसी संगीन धाराओं के केस दर्ज हैं। उनकी न्यू आगरा थाना में हिस्ट्रीशीट है। सपा सरकार के दौरान अप्रैल 2013 में उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर अक्तूबर 2015 में पद से बर्खास्त किया गया था। उसी दौरान यह जानकारी सामने आई थी कि पुलिस ने न्यू आगरा थाने के रिकार्ड से उनकी हिस्ट्रीशीट फाड़ दी थी। संगीन मामलों का ब्योरा छिपा लिया गया था। डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने अनिल यादव के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों का ब्योरा नए सिरे से तैयार कराया था। लेकिन थोड़े दिन बाद लक्ष्मी सिंह का तबादला हो गया था।
मैनपुरी के कॉलेज का प्राचार्य बनने के लिए भी बनाया दबाव
यूपीपीएससी के चेयरमैन के पद से बर्खास्त होने के बाद अनिल यादव ने मैनपुरी के कॉलेज में प्राचार्य बनने के लिए दबाव बनाया। लेकिन तब तक सरकार चली गई, अनिल यादव का पैतृक गांव बागपत में खेकड़ा के पास है।
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